बांकुड़ा.
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर लेडी डॉक्टर की हैवानियत के बाद हत्या की घटना के खिलाफ बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीजीटी, इंटर्न व हाउस स्टाफ लगातार तीसरे दिन आंदोलन करते रहे. उनकी मांग है कि जब तक अस्पताल में डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक वे लोग काम पर नहीं लौटेंगे. सोमवार को भी डॉक्टरों का धरना प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शन से दक्षिण बंगाल में सरकारी चिकित्सा केंद्र से सेवाएं बाधित हैं. इससे यहां के रोगियों का बुरा हाल है. बांकुड़ा हॉस्पिटल के मेडिकल छात्रों की यह भी मांग है कि आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर से हुई दरिंदगी व कत्ल के मामले में दोषी को कड़ी सजा देकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाये. उक्त घटना के खिलाफ शनिवार से करीब 600 पीजीटी, इंटर्न, हाउस स्टाफ हड़ताल पर चले गये हैं. अस्पताल का आपातकालीन विभाग तो चालू है, लेकिन अन्य चिकित्सीय सेवाएं बाधित हैं. आंदोलनरत पीजीटी, प्रशिक्षुओं व हाउस स्टाफ का दावा है कि आरजी कर में हुई घटना के कुछ आरोपी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं.उनकी शिकायत है कि सरकारी अस्पताल में जब एक डॉक्टर के साथ इतनी वीभत्स घटना हो सकती है, तो आम रोगी या परिजन की बात ही छोड़ दीजिए. जूनियर डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि दरिंदगी व कत्ल के असल गुनहगार को पुलिस व प्रशासन छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. दिखाने के लिए एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया गया है. डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि उनकी मांगें जब तक नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा. उधर, बांकुड़ा अस्पताल में इलाज कराने आये एक व्यक्ति ने बताया कि यहां उपचार नहीं किया जा रहा है. कोई डॉक्टर नहीं है. हालात बदतर होते जा रहे हैं.
इस बाबत बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ पंचानन कुंडू ने कहा कि अस्पताल में असुविधा हो रही है. पहले हर वार्ड में चार-पांच डॉक्टर होते थे, अभी सीनियर डॉक्टरों की मदद ली जा रही है, जिनकी संख्या कम है. अस्पताल प्रबंधन की ओर से चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन से मदद ली जा रही है. अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं. वार्ड में डॉक्टर के रहने की व्यवस्था पर भी गौर किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है