हीटवेव को लेकर डॉक्टरों ने जारी की हेल्थ एडवाइजरी
पूरा पश्चिम बंगाल प्रचंड गर्मी में झुलस रहा है.
कोलकाता. पूरा पश्चिम बंगाल प्रचंड गर्मी में झुलस रहा है. अप्रैल में ही कोलकाता का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है. शनिवार को महानगर का पारा 41 डिग्री था. नमी के कम स्तर के कारण राज्य में भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में कोलकाता अपोलो मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कौस्तभ चौधरी, आनंदपुर फोर्टिस अस्पताल के डॉ संजुक्ता दत्ता, सीएमआरआइ अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ अरूप हलदर, एसएसकेएम के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ डॉ सोइरिन्ध्री बनर्जी, एनएच नारायण सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के क्लीनिकल डायरेक्टर और चीफ ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ सुमन मलिक, एनएच नारायण सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल द्वारा हीटवेव के मद्देनजर दिशा निर्देश जारी किया गया है. इन चिकित्सकों गर्मी के प्रकोप से निपटने के लिए एहतियाती उपायों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया. वहीं दूसरी ओर स्विचऑन फाउंडेशन ने हीटवेव पर जनता की धारणा को मापने के लिए एक सर्वेक्षण किया है. चल रही हीटवेव की धारणाओं को जानने के लिए पूर्वी भारतीय राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में अप्रैल में 815 प्रतिभागियों के साथ सर्वेक्षण किया गया है. जिसमें से 387 ने पश्चिम बंगाल से भाग लिया, जहां 65 प्रतिशत पुरुष और 35प्रतिशत महिलाएं थीं. सर्वेक्षण में विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों को लक्षित किया गया, जिसमें विभिन्न आयु और व्यावसायिक पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों को शामिल किया गया था. उत्तरदाताओं ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गर्मी की लहरों की तीव्रता बढ़ी है. स्विचऑन फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक विनय जाजू ने कहा, “पश्चिम बंगाल में वर्तमान में अनियमित मौसम की स्थिति को देखना चिंताजनक है. अभी गर्मियों की शुरुआत ही हुई है और हम गर्मी की चरम स्थितियों से जूझ रहे हैं. हमारे अध्ययनों से यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि सर्वेक्षण में शामिल पश्चिम बंगाल के 99 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सरकार को गर्मी की लहरों के प्रभावों से निपटने के ठोस कदम उठाना चाहिए. उधर, अपोलो मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कौस्तभ चौधरी ने कहा, “गर्मी के प्रकोप से बच्चों के स्वास्थ्य के लिए डिहाइड्रेशन से लेकर गर्मी की थकावट (हीट एक्सहोशन) तक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा कर सकती हैं. गर्म मौसम के दौरान माता-पिता के लिए बच्चों को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड और ठंडा रखना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अत्यधिक गर्मी के ऐंठन, अत्यधिक पसीना, चक्कर आना, थकान और यहां तक कि एक्सपोजर के बाद शरीर का तापमान भी बढ़ सकता है.