बॉर्डर पर चालक परेशान, दलाल गिरोह सक्रिय
राज्य सरकार की पाबंदी के बावजूद कोल्ड स्टोरेज से दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा आलू
आसनसोल/कुल्टी. राज्य में आलू की कीमत को नियंत्रित करके आम जनता को कम कीमत पर इसे मुहैया कराने के प्रयास के तहत दूसरे राज्यों में आलू के निर्यात पर सरकार के रोक को लेकर जटिल स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कोल्डस्टोरेज से आलू दूसरे राज्यों के लिए नियमित निकल रहा है, जिसके कारण बंगाल की सभी सीमा पर प्रतिदिन आलू लदी गाड़ियों की लंबी कतार देखने को मिल जाती है. आलू के निर्यात पर रोक है तो कोल्डस्टोरेज से दूसरे राज्यों के लिए आलू कैसे भेजा जा रहा है? गड़बेता से आलू लेकर हजारीबाग जा रहे एक ट्रक चालक ने कुल्टी थाना क्षेत्र के डूबुडी नाके पर परेशान होकर यह सवाल किया. उसने कहा कि माल लोड करके भेज दिया जा रहा है, रास्ते में चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस बीच कुछ दलाल चक्र भी सक्रिय हो गये हैं जो पांच सौ रुपये लेकर दूसरे सामानों के कागजात मुहैया कराकर आलू की गाड़ियों को बॉर्डर पार करवा रहे हैं. 20 जुलाई से सरकार ने दूसरे राज्यों में आलू के निर्यात पर रोक लगायी है. उस समय ज्योति आलू 32 से 35 रुपये किलो खुदरा में बिकता था, कोल्डस्टोरेज में हड़ताल के दौरान यह 40 रुपये के पार गया. अभी इसकी कीमत 30 से 33 रुपये के बीच है. गौरतलब है कि आलू उत्पादन में पश्चिम बंगाल देश के अव्वल राज्यों में से एक है और यहां की जनता को ही आलू 35 रुपये किलो की दर से खरीदना पड़ रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों में आलू के निर्यात पर रोक लगा दी. यह बात पूरे बंगाल की जनता जानती है, लेकिन कोडस्टोरेज में आलू रखनेवालों को इसकी जानकारी मानो नहीं है. राज्य के विभिन्न कोल्डस्टोरेज से आलू दूसरे राज्यों के लिए भेजा जा रहा है. जिसका नजारा किसी भी एनएच पर बंगाल राज्य की सीमा पर देखा जा सकता है. राज्य की सभी सीमा पर आलू की गाड़ियों को रोक दिया जा रहा है.
क्या कहना है फंसे ट्रक चालकों का
मेमारी से हजारीबाग आलू लेकर जा रहे एक ट्रक चालक डूबुडी नाके फंसा है. उसने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि सरकार को कोल्डस्टोरेज में ही दूसरे राज्यों में आलू निर्यात पर रोक लगा देनी चाहिए. उनके वाहनों पर आलू लोड करके भेज दिया जा रहा है, बॉर्डर पर आकर वे फंस जा रहे हैं. गाड़ी खड़ा रहने से नुकसान है. उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर दलाल घूम रहे हैं, पैसा लेकर फर्जी कागज के साथ गाड़ी पार करा रहे हैं. इसी तरह गाड़ियां निकल रही हैं.विष्णुपुर से रांची आलू लेकर जा रहे एक चालक ने कहा कि तीन दिनों से वह डूबुडी नाका पर फंसे हुआ है. पुलिस जाने नहीं दे रही है. आलू लेकर यहां फंसे हुए हैं. काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खाने पीने को लेकर समस्या है. गड़बेता से धनबाद आलू लेकर जा रहे एक ट्रक चालक ने बताया कि 35 आलू लदी गाड़ियां खड़ी हैं. मध्य रात्रि में कुछ गाड़ियां निकल गयीं. कुछ दलाल घूम रहे हैं, वे पैसा लेकर गाड़ियों को पास करवा रहे हैं.
एक ट्रक चालक ने बताया कि पांच सौ रुपये का बॉर्डर का एक पास दलाल ने दिया है. पास पर ट्रक का नंबर, तारीख और 500 रुपये लिख दिया जा रहा है. इस पास में ट्रांसपोर्टिंग क्लियरिंग एजेंट चिरकुंडा बॉर्डर आसनसोल, चीकू दा लिखा हुआ है और तीन फोन नंबर दिये हुए हैं. एक बॉक्स में लिखा है कि आने के समय फोन करना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है