कोलकाता. राज्य में भीषण गर्मी और लू के चलते बागवानी फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. इससे हरी सब्जियों के उत्पादन में गिरावट आ गयी है. इसके चलते सब्जियों की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. खास कर गर्मी और लू का असर दक्षिण बंगाल के जिलों में कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है. इन जिलों के किसानों को बढ़ती गर्मी की वजह से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें फसलों को लू से बचाये रखने के लिए बार-बार सिंचाई करनी पड़ रही है. इससे लागत बढ़ गयी है.
फसलें बुरी तरह से हुईं हैं प्रभावित
किसान ने बताया कि गर्मी से सबसे ज्यादा नुकसान करेला, बैंगन, ककड़ी, झिंगे (तुरई), लाउ (लौकी), टमाटर, पटल ( परवल), धनिया की पत्तियां और चाल्कुमरो (राख लौकी) को हो रहा है. उनकी मानें, तो जब तक बारिश नहीं होगी, तब तक स्थिति में सुधार के कोई उपाय नहीं दिख रहे हैं. दरअसल, बंगाली आहार में दो सबसे बड़े भोजन, चावल और आलू हैं. चावल तो बच गया, क्योंकि सौभाग्य से धान की कटाई गर्मी शुरू होने से पहले ही हो गयी थी. हालांकि, गर्मी से पहले वसंत ऋतु में हुई असामयिक बारिश से आलू बुरी तरह प्रभावित हुआ है.इन जिलों में फसलों को पहुंचा नुकसान
कोलकाता के सियालदह बाजार में माणिक मंडल जैसे विक्रेता पहले से गर्मी और लू का प्रभाव देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम प्रतिदिन कम सब्जियां एकत्र कर रहे हैं, क्योंकि बिना बिका हुआ स्टॉक शाम तक मुरझा जाता है. उन्होंने कहा कि हम फसल के नुकसान के कारण कीमतों में अचानक वृद्धि की भी उम्मीद कर रहे हैं. कृषि विभाग के अनुसार, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली, नादिया, बर्दवान, मिदनापुर, बांकुड़ा और पुरुलिया सहित पूरे दक्षिण बंगाल में सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है