हल्दिया. चक्रवात ‘रेमाल’ का असर शनिवार रात से शुरू हो गया था. रविवार को बंगाल में समुद्र में काफी उफान रहा. शनिवार की तरह ही रविवार को सुबह से ही पूर्व मेदिनीपुर में दीघा समेत अन्य तटीय इलाकों में सतर्कता बरतने को लेकर प्रशासन की ओर से माइकिंग जारी रही. उक्त जिले में प्रशासन ने सोमवार तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. प्रशासन की ओर से मछुआरों को समुद्र में जाने पर पाबंदी लगायी गयी है, साथ ही पर्यटकों व अन्य लोगों को समुद्र में स्नान पर रोक लगायी गयी है. राज्य सचिवालय नवान्न के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी संपर्क में हैं और पूरी स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायी गयी है. बताया जा रहा है कि इस दिन शाम तक तटीय इलाकों के पास रहने वाले करीब 6,564 लोगों को दूसरी जगह ले जाया गया है. तटीय इलाकों में स्कूलों और आश्रमों में राहत सामग्री की व्यवस्था की गयी है, ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को उपलब्ध कराया जा सके. भारतीय तट रक्षक (आइसीजी) ने समुद्र में जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाये हैं तथा हल्दिया और पारादीप में मछली पकड़ने वाले पोतों और वाणिज्यिक पोतों को सतर्क कर दिया गया है.आइसीजी ने हल्दिया, फ्रेजरगंज, पारादीप और गोपालपुर में खोज और बचाव अभियानों के लिए आपदा राहत दलों के अलावा पोत और विमान भी तैयार रखे हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल भी पूर्व मेदिनीपुर समेत उन जिलों में तैनात हैं, जिनके चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की आशंका है. एनडीआरएफ ने कोलकाता, उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली सहित कई जिलों में अपने दल एवं उपकरण तैनात किये हैं.
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