डीवीसी का झंडा सबसे ऊंचे शहरी बिंदु पर फहराया
20 जून को वहां पहुंचकर उन्होंने शहर के दुनिया के सबसे ऊंचे शहरी स्थान पर डीवीसी की मेजिया बिजली परियोजना का झंडा लगाया
बांकुड़ा. 77 वर्षों से राष्ट्र की सेवा में जुटी डीवीसी की गतिविधियों का संदेश, डीवीसी के मेजिया थर्मल पावर प्रोजेक्ट के कार्यकर्ता अरुमय मंडल ने दुनिया के सबसे ऊंचे शहरी बिंदु लद्दाख के खारदुंग में पहुंचाया. वहां उन्होंने डीवीसी का झंडा फहराया. वह 10 जून को मेजिया पावर प्रोजेक्ट से बाइक से खरदुंगा के लिए निकले थे. 20 जून को वहां पहुंचकर उन्होंने शहर के दुनिया के सबसे ऊंचे शहरी स्थान पर डीवीसी की मेजिया बिजली परियोजना का झंडा लगाया. 7,500 किमी की 22 दिनों की यात्रा के बाद जब वह मंगलवार शाम को मेजिया पावर प्रोजेक्ट पर लौटे, तो परियोजना अधिकारियों ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया. उनके स्वागत के लिए मुख्य अभियंता आरके अनुभवी, मानव संसाधन विकास विभाग के महाप्रबंधक रंजीत कुमार रजक, उप महाप्रबंधक अशोक कुमार तिवारी, राजीव रंजन, इंटक नेता अरिंदम बनर्जी, समीर बाइन, तृणमूल वर्कर्स यूनियन कामगार संघ के सचिव मृत्युंजय माजी, मजदूर संघ के सचिव प्रशांत मंडल, कर्मचारी संघ के सचिव विद्युत कर्मकार और अन्य मौजूद थे. अरुमय मंडल ने संवाददाताओं से कहा कि डीवीसी भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मानस कन्या है. सात जुलाई 1948 को श्री नेहरू ने बांग्लादेशी शरणार्थियों को फिर से बसाने के लिए दामोदर नदी पर केंद्रित डीवीसी की स्थापना की. दामोदर के बाढ़ को नियंत्रित करने, जलाशयों के निर्माण, कृषि और सिंचाई में सुधार की दिशा में डीवीसी पिछले 77 वर्षों से भारतीय बिजली मानचित्र पर सबसे आगे है.
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