पश्चिम और पूर्व बर्दवान, हावड़ा हुगली जिले में हाई अलर्ट जारी
पिछले दो दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. भारी जल जमाव के कारण तेनुघाट डैम से अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे मैथन एवं पंचेत डैम में पानी लगातार बढ़ रहा है.
आसनसोल/मैथन/पंचेत.
पिछले दो दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. भारी जल जमाव के कारण तेनुघाट डैम से अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे मैथन एवं पंचेत डैम में पानी लगातार बढ़ रहा है और इन डैम से पानी छोड़ने पर बंगाल अनेकों जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जिसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि यह बाढ़ प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव निर्मित है. उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस मुद्दे पर बात की. राज्य और जिला के अधिकारी नियमित रूप से डीवीसी अधिकारियों के संपर्क में हैं.खतरे के निशान से 13 फीट नीचे मैथन और पांच फीट नीचे है पंचेत
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मैथन और पंचेत दोनों डैम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. रविवार को मैथन डैम का जलस्तर 482.14 फीट पर रहा, जो कि खतरे के निशान से 13 फीट नीचे है और पंचेत डैम का जल स्तर 419.59 फीट पर रहा, जो खतरे के निशान से सिर्फ पांच फीट नीचे है. दोनों डैम में लगातार पानी बढ़ने की सूचना पर राज्य सरकार ने पश्चिम बर्दवान, पूर्व बर्दवान, हावड़ा, हुगली जिला के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया है. मैथन डैम का इनफ्लो 1,43,899 एकड़ फीट और आउट फ्लो 19,505 एकड़ फीट है. पंचेत डैम का इनफ्लो 2,17,551 एकड़ फीट एवं आउटफ्लो 1,06,939 एकड़ फीट है.डीवीसी प्रबंधन ने कहा बाढ़ का नहीं है कोई खतरा
झारखंड और बंगाल में कई जलविद्युत परियोजनाओं का संचालन करने वाली डीवीसी की ओर से यह जानकारी दी गयी कि फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है. बारिश कम हो गयी है, जिससे जलप्रवाह के कमी आने की उम्मीद है. बारिश कम जाने से तेनुघाट से भी पानी का प्रवाह कम हो जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है