निर्धारित 69 कंपनियों के अलावा अन्य किसी कंपनी के ई-रिक्शा का नहीं बनेगा कोई दस्तावेज
रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस और रूट परमिट के बगैर चल रहे ऑटो व टोटो पर एक अगस्त से निर्धारित पुलिसिया कार्रवाई पर मंगलवार की बैठक के बाद एक माह के लिए फिलहाल रोक लग गयी.
आसनसोल.
रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस और रूट परमिट के बगैर चल रहे ऑटो व टोटो पर एक अगस्त से निर्धारित पुलिसिया कार्रवाई पर मंगलवार की बैठक के बाद एक माह के लिए फिलहाल रोक लग गयी. आसनसोल नगर निगम के उपमेयर सह आइएनटीटीयूसी के जिलाध्यक्ष अभिजीत घटक ने मंगलवार को जिला के आरटीओ मृण्मय मजूमदार, एडीपीसी के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) प्रदीप मजूमदार के साथ बैठक की. जिसमें आसनसोल सबडिवीजन मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन (आइएनटीटीयूसी) के महासचिव राजू आहलुवलिया भी उपस्थित रहे. उपमेयर श्री घटक ने बताया कि आसनसोल नगर निगम इलाके में जितने भी ऑटो व टोटो चलते हैं उन्हें रेगुलराइज करने के लिए बैठक हुई. जिसमें निर्णय लिया गया कि एक अगस्त से पुलिस की निर्धारित कार्रवाई को फिलहाल एक माह के लिए स्थगित रखा जाये. इसबीच जितने भी ऑटो और टोटो हैं वे अपने सारे कागजात तैयार कर लेंगे. कुछ ऑटो को रूट मिला हुआ है, अन्य ऑटो के साथ टोटोवालों को भी रूट दिया जायेगा. इसी रूट पर ये सारे ऑटो व टोटो चलेंगे. टोटो बेचने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित जिन 69 कंपनियों को मान्यता दी गयी है, उन्हीं के टोटो या ई-रिक्शा को अनुमति दी जायेगी. टोटो चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और उसका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. इसके लिए एक माह का समय दिया गया है. आनेवाले दिनों में आसनसोल नगर निगम क्षेत्र में एक सिस्टम में ऑटो और टोटो चलेंगे. गौरतलब है कि पूरे शिल्पांचल के ऑटो और टोटो को लेकर पुलिस व प्रशासन काफी उलझन में घिर गया है. यहां 10 हजार से अधिक ऑटो और टोटो सड़कों पर दौड़ रहे हैं. लेकिन सड़क पर इन वाहनों को चलने के लिए वैध कागजात काफी कम आवंटित हुआ है.पुलिस के अनुसार बिना कागजात के जो भी ऑटो और टोटो सड़क पर चल रहा है सारे अवैध हैं. जिनपर एक अगस्त के कार्रवाई शुरू करने को लेकर माइकिंग की गयी थी. जिसके बाद से सारे ऑटो और टोटो चालकों में हड़कंप मच गया. आइएनटीटीयूसी के जिलाध्यक्ष श्री घटक ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया और ऑटो व टोटो चालकों को लेकर बैठक की. उन्होंने सभी को पार्टी का झंडा थामने और हर सभा व रैलियों में शामिल होने को कहा. उन्होंने यह भी कहा था कि एकबार समस्या आती है तो हल हो जायेगा, पर मसला फिर उभर सकता है. इसलिए वे ये न सोचें कि समस्या नहीं है तो पार्टी की तरफ देखेंगे भी नहीं, पार्टी की रैली व सभाओं में नहीं जायेंगे. ऐसा अगर सोचेंगे तो आनेवाले दिनों में हम भी सोचेंगे. जिसके बाद मंगलवार को ऑटो व टोटो चालकों की समस्या को लेकर बैठक हुई. जिसमें सभी को रेगुलराइज करने के लिए फिलहाल एक माह का समय मिल गया है.
69 कंपनियों के अलावा सारी कंपनियों के टोटो अवैध
राज्य सरकार ने बंगाल में 69 कंपनियों को ई-रिक्शा (टोटो) बेचने की अनुमति दी है. इन कंपनियों के अलावा जो भी टोटो बंगाल की सड़कों पर दौड़ रहे हैं सारे अवैध हैं. इनका कोई भी कागजात नहीं बनेगा. पुलिस जब चाहे अवैध टोटो को पकड़ सकती है. ट्रैफिक विभाग के पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अवैध टोटो को शहर में चलने की इजाजत नहीं दी जायेगी. पुलिस इनपर कार्रवाई करेगी. एक माह का जो समय मिला है, इनके लिए नहीं है. गैरमान्यता प्राप्त कंपनियों के टोटो जिन लोगों ने खरीदे हैं, उनका भी पैसा लगा है और उनकी भी रोजी रोटी उसी से चलती है. ऐसे टोटो के लिए नगर निगम कुछ अलग से नियम बनाता है तो फिर उनपर कार्रवाई नहीं होगी. ऐसे टोटो को शहर से दूर इलाके में ही चलने की अनुमति का प्रावधान हो सकता है. शहरी क्षेत्र में ये प्रवेश नहीं करेंगे और प्रवेश करते हैं तो तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. यदि नगर निगम कुछ ऐसा प्रावधान करता है तो ठीक है नहीं तो अवैध टोटो पर कड़ी कार्रवाई होगी.
एक माह में ऑटो-टोटो के सारे कागजात बनाना असंभव
परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक माह के अंदर सभी ऑटो व टोटो का रजिस्ट्रेशन करना, चालकों को लाइसेंस और रूट देने का कार्य पूरा करना असंभव है. किसी भी कीमत पर यह पूरा नहीं हो सकता है. 23 फरवरी 2016 को परिवहन विभाग ने आसनसोल में 1870 ऑटो रेगुलराइज करने की अनुमति दी थी. वह कार्य आज तक पूरा नहीं हुआ है. यहां 10 हजार से अधिक ऑटो और टोटो के रेगुलराइज करने की बात है. रूट को लेकर ही सबसे बड़ी समस्या होगी. किन रूटों पर किसे परमिट दिया जायेगा? टोटो या ई-रिक्शा की संख्या प्रतिदिन सैकड़ों के हिसाब से बढ़ रही है. कितनों को रूट परमिट दिया जायेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. इस समस्या का समाधान होना लगभग नामुमकिन है. बीच-बीच में इसी तरह यह मुद्दा उठता है और फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है. कानून भी यहां लाचार है. निजी वाहन, बाइक या कार का एक भी कागजात नहीं रहने पर पुलिस तुरंत फाइन कर देती है. यहां वर्षों से ऑटो व टोटो बिना किसी कागजात के चल रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती है. ये वाहन यदि किसी दुर्घटना में शामिल होते हैं और जान माल की क्षति होती है तो कोई मुआवजा नहीं मिलेगा, क्योंकि इनके पास कोई कागजात नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है