फोरेंसिक ऑडिट कराने पर विचार कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी
संवाददाता, कोलकाता
राशन घोटाले की जांच के तहत गत पांच जनवरी को संदेशखाली में चलाये गये अभियान के दौरान इडी अधिकारियों पर हमला हुआ था. हमले का मुख्य आरोपी व तृणमूल कांग्रेस से निलंबित शेख शाहजहां पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. मामले की जांच सीबीआइ कर रही है. शाहजहां और उसके साथियों पर संदेशखाली में जमीन हड़पने व महिलाओं पर कथित यौन अत्याचार के भी आरोप हैं. इन दोनों मामलों की जांच का जिम्मा भी सीबीआइ के हाथों में है. इधर, शाहजहां और उसके साथियों पर जमीनों पर जबरन कब्जा कर अवैध भेड़ी बना कर बड़े स्तर पर मछली पालन और उनके आयात व निर्यात कारोबार की आड़ में वित्तीय अनियमितता बरतने का भी आरोप है. उक्त मामले में एक इसीआइआर (शिकायत) दर्ज कर इडी जांच कर रहा है. इडी और सीबीआइ शाहजहां और उसके साथियों से जुड़े मामलों को लेकर अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुके हैं. सूत्रों की मानें, तो इडी शाहजहां की आय का मुख्य स्रोत का पता लगाने के लिए फोरेंसिक ऑडिट पर विचार कर रहा है. इडी के अधिकारी मामले में मिले सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की फोरेंसिक ऑडिट विशेषज्ञों से जांच कराने पर विचार कर रहे हैं. फोरेंसिक ऑडिटिंग लेखा मानकों के भीतर एक विशेष क्षेत्र है, जिसके जरिए कानूनी कार्रवाई में साक्ष्य निकालने के लिए किसी व्यक्ति या संस्था के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की जाती है. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में केंद्रीय एजेंसी विशेष रूप से उन दो निर्यात एजेंसियों के खातों का फोरेंसिक ऑडिट कराना चाहती है, जिनके जरिये शाहजहां का मछली पालन और मछली के निर्यात का कारोबार चलता था. केंद्रीय जांच एजेंसी को उम्मीद है कि फोरेंसिक ऑडिट से न केवल रुपये के असली स्रोत के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलेगी, बल्कि इस निर्यात कारोबार में विदेशी मुद्रा प्रबंधन (फेमा) के उल्लंघन की प्रकृति पर भी कुछ प्रकाश पड़ेगा.
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