कोलकाता, अमित शर्मा : करोड़ों रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मेसर्स प्राइम पल्स लिमिटेड और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में इडी ने कोलकाता और जयपुर में 11 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की. अभियान के दौरान करीब 41 लाख रुपये की नकदी बरामद की है. इडी की ओर से इस बात की जानकारी शुक्रवार को दी गयी है. इ़डी ने मेसर्स प्राइम पल्स लिमिटेड और अन्य के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ), बीएस एंड एफसी (कोलकाता) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की.
करीब 447.44 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है मामला
विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कुल 447.44 करोड़ रुपये (लगभग) का नुकसान पहुंचाने के लिए इस मामले में अदालत में 10 आरोप पत्र और एक पूरक आरोप पत्र भी दायर किया जा चुका है. इडी की जांच से पता चला है कि मेसर्स प्राइम पल्स लिमिटेड के निदेशकों द्वारा कंपनी के कर्मचारियों और संबंधित व्यक्तियों के नाम पर विभिन्न फर्जी संस्थाओं को बनाया गया था, ताकि ऐसी संस्थाओं के बैंक खातों के माध्यम से धन को दूसरे जगहों पर स्थानांतरित किया जा सके. जांच के दौरान यह भी पता चला कि संबंधित बैंक द्वारा एसएआरएफएइएसआइ एक्ट, 2002 के तहत एक दो मंजिला वाणिज्यिक बंधक संपत्ति बेची गयी थी.
तलाशी अभियान के दौरान बड़ी संख्या में डिजिटल उपकरण भी किया गया जब्त
इस संपत्ति को भी आरोपी व्यक्तियों ने संबंधित इकाई/कंपनी के माध्यम से अपराध की आय को राउंड ट्रिपिंग करके खरीदा था. इस संपत्ति का मूल्य करीब 20 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. आरोपी कंपनी के प्रमोटरों व निदेशकों और उनके परिवार के सदस्यों के खातों में धन हस्तांतरित करने के लिए संदिग्ध तृतीय-पक्ष के जरिये लेन-देन किये गये थे. इडी की छापेमारी में कई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड सहित कुछ महत्वपूर्ण आपत्तिजनक दस्तावेजों का भी पता चला है. इसके अलावा, तलाशी अभियान के दौरान बड़ी संख्या में डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं. इडी की जांच जारी है.
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