इडी ने नलिनी चिदंबरम के खिलाफ पेश की चार्जशीट, कोर्ट ने नहीं स्वीकारा

सारधा समूह से जुड़े करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले की जांच कर रहे इडी ने बैंकशाल कोर्ट में तीसरी सप्लीमेंटरी चार्जशीट जमा की.

By Prabhat Khabar News Desk | July 6, 2024 1:58 AM

संवाददाता, कोलकाता

सारधा समूह से जुड़े करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने शुक्रवार को यहां स्पेशल पीएमएलए (बैंकशाल) कोर्ट में तीसरी सप्लीमेंटरी चार्जशीट जमा की. हालांकि, कोर्ट ने इसे अभी स्वीकार नहीं किया है. कोर्ट ने इडी को इस मामले को लेकर विस्तृत और तर्कसंगत जानकारी देने को कहा है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसके लिए मोहलत मांगी है. इसके बाद मामले को लेकर कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 18 जुलाई तय की है. सूत्रों के अनुसार, इडी ने करीब 65 पन्नों की चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम का भी नाम शामिल किया है. इसमें उनके खिलाफ कुछ आरोपों का विस्तृत विवरण भी है. हालांकि, इसे लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी को न्यायाधीश के कई सवालों का सामना भी करना पड़ा है.

जस्टिस ने इडी से कहा- कोई अधिवक्ता सलाह के एवज में फीस लेता है, तो यह भ्रष्टाचार कैसे है?

बताया जा रहा है कि चार्जशीट में इडी की ओर से आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर श्रीमती चिदंबरम को सारधा समूह के प्रमुख व घोटाले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन से करीब 1.5 करोड़ रुपये मिले थे. इससे पहले जब चिदंबरम से इस बारे में पूछा गया था, तो उनका दावा था कि उन्होंने अधिवक्ता के तौर पर सलाह देने के बदले यानी कंसल्टेंसी फीस के तौर पर रुपये लिये थे. हालांकि, इडी का आरोप है कि चिदंबरम को उस वक्त ‘प्रोटेक्शन मनी’ के तौर पर ये रुपये मिले थे. इस पर न्यायाधीश ने इडी से कहा : वह अदालत को समझाये कि अगर कोई अधिवक्ता सलाह के एवज में फीस लेता है, तो यह भ्रष्टाचार कैसे है? अगर वित्तीय अनियमितता से जुड़ा कोई आरोपी अपने अपराध से जुटाये रुपये किसी अधिवक्ता को देता है, तो क्या वह अधिवक्ता भी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अपराध में शामिल हो जाता है या अपराधी बन जाता है?

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version