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युद्ध से पहले ही मैदान छोड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी : मंगल पांडेय

भाजपा की लहर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के डर से एक के बाद एक कांग्रेस प्रत्याशी युद्ध के पहले ही मैदान छोड़ते नजर आ रहे हैं. सूरत के बाद सोमवार को कांग्रेस को फिर एक बड़ा झटका लगा है. इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने नाम वापस लेकर भाजपा पर आस्था जताया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 29, 2024 7:12 PM

कोलकाता.

प्रदेश भाजपा के प्रभारी सह बिहार के स्वास्थ्य व कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कांग्रेस से न सिर्फ देश की जनता, बल्कि उसके प्रत्याशी का भी मोह भंग हो रहा है. भाजपा की लहर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के डर से एक के बाद एक कांग्रेस प्रत्याशी युद्ध के पहले ही मैदान छोड़ते नजर आ रहे हैं. सूरत के बाद सोमवार को कांग्रेस को फिर एक बड़ा झटका लगा है. इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने नाम वापस लेकर भाजपा पर आस्था जताया है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस का क्या हश्र होगा. यही नहीं आने वाले शेष पांच चरणों के चुनाव के पूर्व कांग्रेस को और झटका लगने वाला है. लेकिन इसका अंदाजा कांग्रेस को नहीं है.श्री पांडेय ने कहा कि दूसरे चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद भी कई सीटों पर कांग्रेस अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पायी है. कई महत्वपूर्ण सीटों पर भी अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसके बावजूद कांग्रेस देश पर राज करने का कोरा सपना देख रही है. गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही अमेठी पर भी अभी तक उधेड़बुन बनी हुई है. अमेठी से भाई चुनाव लड़ेगा या बहन, अब तक यह तय नहीं हो पाया है. अभी तक सिर्फ तैयारी चल रही है. आखिर हो भी कैसे कांग्रेस को यह मालूम है कि कोई भी प्रत्याशी क्यों नहीं हो, हार सुनिश्चित है. इस स्थिति में कांग्रेस अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए हो सकता हो कि अमेठी में किसी और पर भी दांव खेल सकती है. क्योंकि इस बार एनडीए के 400 पार के संकल्प के बीच कांग्रेस की दाल किसी भी सीट पर गलने वाली नहीं है.श्री पांडेय ने कहा कि कांग्रेस के पास नेता, नीति और नीयत का घोर अभाव है. इसका परिणाम है कि दिग्गज कांग्रेस अपनी पुरानी पार्टी से दूर हो रहे हैं और भाजपा पर विश्वास जता रहे हैं. विपक्ष का हाल एक अनार और सौ बीमार वाला है. महत्वाकांक्षा की पूर्ति नहीं होने पर पहले तो इंडी गठबंधन के साथियों ने साथ छोड़ा. अब कांग्रेस प्रत्याशी ही मैदान छोड़ रहे हैं. चुनाव परिणाम आने के बाद एक बार फिर सबकी राहें जुदा होंगी.

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