बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में भाजपा को बड़ा झटका लगा है. बीरभूम लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार देवाशीष धर (Devashish Dhar) का नामांकन रद्द कर दिया गया है. जब उन्होंने पुलिस सेवा छोड़ी तो उन्हें राज्य सरकार से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट नहीं मिली. हालांकि, नामांकन दाखिल करते समय क्लीयरेंस जमा करना अनिवार्य था. उम्मीदवार ने खुद कहा कि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया क्योंकि वह राज्य का क्लीयरेंस सर्टिफिकेट नहीं दिखा सके. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बावजूद नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया.
भाजपा ने देवतानु भट्टाचार्य को घोषित किया नया प्रार्थी
देवाशीष धर जल्द ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं, इसका संकेत 23 अप्रैल को मिल गया था. जिस दिन ममता बनर्जी ने बीरभूम में बैठक की थी. नामांकन पत्र जमा करते समय क्लीयरेंस सर्टिफिकेट जमा करना जरूरी है. हालांकि, नामांकन पत्र रद्द होने पर भाजपा चुप बैठने को तैयार नहीं है. भाजपा ने बीरभूम लोकसभा सीट से देवाशीष धर की जगह नए प्रार्थी के रूप में देवतानु भट्टाचार्य को प्रार्थी घोषित किया है.सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के अनुभवी वकीलों की एक टीम पहले ही बीरभूम पहुंच चुकी है. वे जिला अधिकारी से मिलेंगे और अगले कदम पर बात करेंगे. बीजेपी को पहले से ही आशंका थी कि ऐसा कुछ हो सकता है. इसलिए, भाजपा ने बीरभूम निर्वाचन क्षेत्र में देवाशीष धर के साथ ही एक वैकल्पिक उम्मीदवार के रूप में नामांकन जमा करने के आखिरी दिन,राज्य महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने खुद एक वैकल्पिक उम्मीदवार के साथ देवतानु भट्टाचार्य के नाम से नामांकन पत्र जमा किया था.
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हालाँकि, नामांकन जमा करने के बाद देवाशीष धर का मोबाइल बंद हो गया था. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दिन शीतलकुची में एक कतार में खड़े होने के दौरान केंद्रीय बलों द्वारा 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. बीजेपी ने तत्कालीन एसडीपीओ देवाशीष धर को लोकसभा उम्मीदवार बनाया . कूचबिहार में हुए खूनी कांड के ‘प्रिंसिपल’ आईपीएस अधिकारी को राज्य ने क्लीन चिट नहीं दी. इसके कारण देवाशीष का चुनावी लड़ाई उसी कांटे में फंस गई.