पश्चिम बंगाल : राज्यपाल पर लगाम लगाने के लिये तृणमूल पहुंची चुनाव आयोग
पश्चिम बंगाल : निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को लोकसभा चुनाव के पहले कूचबिहार का अपना प्रस्तावित दौरा रद्द करने की सलाह दी है, क्योंकि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा.
पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर पार्टियों के बीच टक्कर जारी है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ तृणमूल ने चुनाव आयोग से शिकायत की है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पहले चरण के मतदान के दिन अलीपुरद्वार जाने की योजना बनाई थी. इससे राज्य की सत्ताधारी पार्टी को आपत्ति हो रही है. उनका दावा है कि राज्यपाल अवैध तरीके से चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं. पहले दौर के मतदान से एक दिन पहले तृणमूल ने आयोग से संपर्क कर मामले पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में कल मतदान
कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में कल मतदान होगा. निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को लोकसभा चुनाव के पहले कूचबिहार का अपना प्रस्तावित दौरा रद्द करने की सलाह दी है, क्योंकि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी थी. कूचबिहार में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है और चुनाव प्रचार पर रोक संबंधी 48 घंटे की अवधि बुधवार शाम से शुरू हो गयी.
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश जारी
सूत्रों ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत कूचबिहार के लिए प्रचार पर रोक की अवधि 17 अप्रैल शाम छह बजे से शुरू हो रही है जिसमें चुनाव अधिकारियों को कई प्रतिबंधों और उच्च स्तर के प्रवर्तन पर काम करना होगा. निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के चुनाव अधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किये हैं कि ऐसे सभी जाने-माने व्यक्ति, प्रचारक और राजनीतिक कार्यकर्ता चुनाव प्रचार पर रोक की अवधि शुरू होने के साथ ही क्षेत्र से बाहर चले जाएं जो संबंधित चुनाव क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं.