किसी भी वार्ड में पेयजल की समस्या नहीं : मेयर

दक्षिण कोलकाता के कुछ वार्डों में जल संकट देखा जा रहा है. शुक्रवार को हुए निगम के मासिक अधिवेशन में 106 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद ने इस मुद्दे को उठाया था. उनके वार्ड में भी जल संकट है. इस संबंध में शनिवार को मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि कोलकाता के किसी वार्ड में पेयजल की समस्या नहीं है.

By Prabhat Khabar Print | June 23, 2024 12:07 AM

कोलकाता.

दक्षिण कोलकाता के कुछ वार्डों में जल संकट देखा जा रहा है. शुक्रवार को हुए निगम के मासिक अधिवेशन में 106 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद ने इस मुद्दे को उठाया था. उनके वार्ड में भी जल संकट है. इस संबंध में शनिवार को मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि कोलकाता के किसी वार्ड में पेयजल की समस्या नहीं है. कुछ वार्ड पेयजल के लिए भूमिगत जल पर निर्भर हैं. इन वार्डों में अंडर ग्राउंड डीप ट्यूबवेल के जरिये जलापूर्ति की जाती है. उक्त क्षेत्रों में पेयजल पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. वार्ड नंबर 106 में जलापूर्ति के लिए बूस्टिंग पंपिंग स्टेशन का निर्माण किया जायेगा. मेयर ने बताया कि गरिया, टॉलीगंज और ढाकुरिया में भूमिगत जल की आपूर्ति की जाती है. इन इलाकों में बूस्टिंग पंपिंग स्टेशन बनाया जायेगा. क्योंकि भूमिगत पानी में आयरन की मात्रा अधिक होती है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है. धापा के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में अतिरिक्त 20 मिलियन गैलन पानी का शोधन किया जायेगा.मेयर ने बताया कि 700 करोड़ की लागत से बूस्टिंग पंपिंग स्टेशन बनाये जायेंगे. आगामी दिनों में कोलकाता के किसी वार्ड में भूमिगत जल का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा. इस योजना पर काम चल रहा है. अगले 25 वर्षों में कोलकाता की जनसंख्या भी बढ़ेगी. इसके मद्देनजर अतिरिक्त 25 मिलियन गैलन जलशोधन किया जायेगा. साल 2026 तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है.

एक्रोपोलिस मॉल का निरीक्षण करेंगे दमकल अधिकारी

एक्रोपोलिस मॉल में आग लगने की घटना के बाद से वहां की दुकानें एवं निजी कार्यालय बंद पड़े हैं. इस संबंध में शनिवार को कोलकाता नगर निगम में टॉक टू मेयर कार्यक्रम खत्म होने के बाद मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि मॉल को छोड़ कर दफ्तरों को खोलने की अनुमति जल्द दे दी जायेगी. इस मामले को लेकर उनकी दमकल मंत्री सुजीत बोस से बातचीत भी हुई है. दमकल एवं सीइएससी के अधिकारी एक्रोपोलिस मॉल का निरीक्षण करेंगे. तकनीकी जांच के बाद ही वहां के कार्यालयों को खोलने की अनुमति दी जायेगी.

डेंगू से निबटने के लिए केएमसी तैयार : मेयर

महानगर में माॅनसून दस्तक दे चुका है. पर माॅनसून के आने से पहले ही कोलकाता नगर निगम (केएमसी) डेंगू से निबटने के लिए तैयार हो चुका है. यह जानकारी कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने दी. उन्होंने बताया कि कोलकाता के डिप्टी मेयर अतिन घोष महानगर में डेंगू से निबटने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं. अब तक 16 बोरो में से 12 में डेंगू को लेकर प्रशासनिक बैठक हो चुकी है. वार्ड स्तर पर लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है.

पौधरोपण से महानगर में घट रहा वायु प्रदूषण

महानगर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए कोलकाता नगर निगम बोस इंस्टीट्यूट के सुझाव पर कार्य कर रहा है. बोस इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर अभिजीत चटर्जी के सुझावों पर अमल करते हुए कोलकाता में विभिन्न जगहों पर पौधरोपण, तालाबों के संरक्षण, निर्माण स्थलों पर ढक कर कार्य करने के साथ ठंड के मौसम में पेड़-पौधों पर स्प्रिंकलर से जल छिड़काव किया गया. इसका असर अब दिखने लगा है. इन उपायों से कोलकाता में वायु प्रदूषण घटा है. मेयर ने बताया कि 2019 में कोलकाता को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम द्वारा शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया था. पर अब कोलकाता की हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. मेयर ने बताया कि कोलकाता को हरा-भरा रखने की कोशिश की जा रही है. ताकि अगली पीढ़ी को किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े. प्रदूषण मुक्ति उपायों में कोलकाता विश्व में दूसरे स्थान पर है. पौधरोपण की वजह से हवा में कार्बन की मात्रा कम हुई है. हम 70 प्रतिशत काम करने में सफल रहे. अगर हम 100 प्रतिशत काम कर सके, तो प्रदूषण बहुत कम हो जायेगा. शहर में हरियाली को बढ़ावा दिया जायेगा. महानगर में देवदार और नीम के पौधे लगाये जा रहे हैं, क्योंकि चक्रवात व तूफान से इन पेड़ों को अधिक नुकसान नहीं पहुंचता है. पार्कों में कुछ फलदार पौधे भी लगाये जायेंगे. मॉनसून में जगह-जगह पौधरोपण किया जायेगा.

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