पोस्टल विभाग के नाम से मैसेज आये, तो भी रहें सतर्क

साइबर ठग मोबाइल फोन में बिना किसी नंबर के पोस्टल विभाग के नाम का इस्तेमाल कर वे मैसेज भेज रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2024 1:09 AM

मैसेज में घर का पता गलत बता अपग्रेड करने के बहाने की जा रही ठगी लालबाजार के साइबर क्राइम एक्सपर्ट का कहना, इस तरह का कोई मैसेज आये तो न दें कोई जवाब

विकास कुमार गुप्ता, कोलकाता

अब तक कुरियर कंपनी, केवाईसी अपडेट, बिजली बिल के बकाया के भुगतान के नाम पर या फिर खुद को पुलिस अफसर बताकर ड्रग्स के मामले में फंसाने के नाम पर साइबर ठग लोगों द्वारा आम लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम ठगने का तरीका अपनाते थे. लेकिन समय के साथ लोगों के जागरूक होने के कारण अब ठगी के नये-नये तरीके अपना कर भी साइबर ठग कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.

इसके कारण अब ठगों ने भारतीय डाकघर ( इंडियन पोस्टल सर्विस) के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को धोखाधड़ी के जाल में फंसाने का नया तरीका ढूंढ़ निकाले हैं. लोगों के मोबाइल फोन में बिना किसी नंबर के पोस्टल विभाग के नाम का इस्तेमाल कर वे मैसेज भेज रहे हैं.

दोबारा पार्सल डिलीवरी के नाम पर लिंक के जरिये ऑनलाइन मांग रहे सिर्फ दो से तीन रुपये : कुछ लोगों के पास आये मैसेज में लिखा है “आपके नाम से पोस्टऑफिस में आया पार्सल यहां काफी दिनों से पड़ा है. दोबारा पार्सल को डिलीवरी कराना चाहते हैं तो भेजे गये लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइ 2 से 3 ट्रांसफर करें. दरअसल यह लिंक साइबर ठगों द्वारा भेजा गया फोन हैक करने का तरीका है. अगर कोई इस लिंक में क्लिक करता है, तो उसके नाम पर मौजूद बैंक अकाउंट से मोटी रकम निकाल लिये जाते हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि शहर के विभिन्न इलाकों में साइबर ठगी को लेकर प्रचार किये जाने के कारण इन दिनों जितने लोगों को भी इस तरह का मैसेज आया है, वे पहले से जागरूक होने के कारण इस झांसे में नहीं फंसे हैं.

क्या है साइबर ठगी का नया तरीका

लालबाजार सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता के विभिन्न थानों में अब तक इस तरह की कई शिकायतें पुलिस को मिली हैं. शिकायत लेकर आनेवाले लोगों का कहना है कि उन्हें अपने मोबाइल में इस तरह का एसएमएस मिल चुके हैं. जागरूकता के कारण ठग कामयाब नहीं हो पा रहे हैं. कुछ लोगों ने इस तरह के मैसेज से पुलिस को अवगत कराया है. लालबाजार सूत्रों के मुताबिक इन दिनों लोगों के फोन पर साइबर ठग भारतीय डाकघर के नाम से एसएमएस भेज रहे हैं. वह एसएमएस कौन भेज रहा है, उसमें एसएमएस भेजनेवाले का कोई नंबर नहीं होता है. केवल भारतीय डाकघर का नाम लिखा होता है. साथ ही मैसेज के साथ एक लिंक भी रहता है. जिसमें लिखा रहता है कि आपके नाम से पार्सल आया है, लेकिन पार्सल में लिखा हुआ पता का लोकेशन नहीं मिलने के कारण वह डाकघर में वापस लौट आया है. अपने घर का पता अपडेट करने के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें.

लालबाजार सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता के विभिन्न थानों में अब तक इस तरह की कई शिकायतें पुलिस को मिली हैं. शिकायत लेकर आनेवाले लोगों का कहना है कि उन्हें अपने मोबाइल में इस तरह का एसएमएस मिल चुके हैं. जागरूकता के कारण ठग कामयाब नहीं हो पा रहे हैं. कुछ लोगों ने इस तरह के मैसेज से पुलिस को अवगत कराया है. लालबाजार सूत्रों के मुताबिक इन दिनों लोगों के फोन पर साइबर ठग भारतीय डाकघर के नाम से एसएमएस भेज रहे हैं. वह एसएमएस कौन भेज रहा है, उसमें एसएमएस भेजनेवाले का कोई नंबर नहीं होता है. केवल भारतीय डाकघर का नाम लिखा होता है. साथ ही मैसेज के साथ एक लिंक भी रहता है. जिसमें लिखा रहता है कि आपके नाम से पार्सल आया है, लेकिन पार्सल में लिखा हुआ पता का लोकेशन नहीं मिलने के कारण वह डाकघर में वापस लौट आया है. अपने घर का पता अपडेट करने के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें.

क्या कहती है पुलिस

कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (1) मुरलीधर शर्मा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के मोबाइल में इस तरह का मैसेज आये तो कोई जवाब न दें. कुछ इस तरह से वे सुरक्षित बच सकते हैं.

अपने नजदीकी थाने में जाकर इस तरह के मैसेज के संबंध में तुरंत पुलिस को जानकारी दें.अगर आपके पास इस तरह का मैसेज आया है तो जवाब न देकर सीधे नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर इस बारे में पता करें.आपके फोन पर आये इस तरह के मैसेज के साथ आपको भेजे गये लिंक पर क्लिक न करें.नजदीकी थाने में जाकर इसकी जानकारी देने के बाद इस तरह के मैसेज को तुरंत अपने मोबाइल से डिलीट कर दें, ताकि अनजाने में भी वह लिंक दोबारा कभी भी क्लिक न हो जाये.इन बातों पर ध्यान रखकर लोग खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version