आसनसोल में भाजपा ओबीसी मोर्चा के कार्यक्रम से साधा निशाना
संवाददाता, कोलकाता
शहीद दिवस के मंच से ममता बनर्जी ने एलान किया था कि उनको धनवान नहीं, विवेकवान नेता चाहिये. उनके इस बयान पर भाजपा सांसद दिलीप घोष ने आसनसोल में भाजपा ओबीसी मोर्चा के गणतंत्र बचाओ सप्ताह पर आयोजित धरने के दौरान चुटकी लेते हुए कहा कि हालत यह हो गयी है कि दीदी को अब विवेक खोजना पड़ रहा है. हकीकत यह है कि उनकी पार्टी में ऐसा कोई नेता नहीं है, जो करोड़पति नहीं बन गया है. खोजने पर भी तृणमूल में विवेकवान नामक कोई पदार्थ नहीं मिलेगा. आसनसोल के पास वाले जिले में उनका एक विवेकवान व्यक्ति था, जिसका नाम केष्टो है और अब वह तिहाड़ जेल है. उसका तो विवेक आप लोग देख चुके हैं.
पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की महिला मित्र के घर से रुपयों का पहाड़ मिलने की घटना पर उन्होंने कहा कि उनके चहेते नेता और मंत्री अभी जेल में हैं. यही उनके विवेक का नमूना है. भादू शेख, शेख शाहजहां, सद्दाम सरदार, ममता बनर्जी के विवेकवान टीम के योद्धा है. उनके पास विवेकवान नहीं, धनवान नेताओं की भरमार है. ऐसे में उनके विवेकवान का मतलब लोगों को आसानी से समझ में आ रहा है कि वह किस तरह का विवेकवान चाहती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है