संवाददाता, कोलकाता
पूर्व मेदिनीपुर जिले के तमलुक लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार व पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली को कलकत्ता हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने 15 जून तक अभिजीत गांगुली के खिलाफ पुलिस को किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. जानकारी के अनुसार, पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के खिलाफ पुलिस ने कई गैर-जमानती धाराओं के तहत मामले दर्ज किये हैं. अभिजीत गांगुली ने एफआइआर को खारिज करने की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार चुनाव के दौरान अभिजीत गांगुली के खिलाफ कोई सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकती. न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने कहा कि 21 जून को एफआइआर की स्वीकार्यता पर फैसला किया जायेगा. उससे पहले याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. गौरतलब है कि अभिजीत गांगुली के मामले की सुनवाई इससे पहले न्यायाधीश जय सेनगुप्ता की बेंच पर होनी थी. हालांकि, जज ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए उस मामले से नाम वापस ले लिया. गुरुवार को न्यायाधीश तीर्थंकर घोष की बेंच में मामले की सुनवाई हुई. इस दिन राज्य की ओर से कहा गया कि एफआईआर दर्ज कर ली गयी है और मामले की जांच प्रक्रिया अभी प्राथमिक चरण में है. उल्लेखनीय है कि पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली पिछले शनिवार को जब रोड शो करते हुए अपना नामांकन दाखिल करने जा रहे थे. उसी दौरान तमलुक अस्पताल चौराहे पर कोर्ट के आदेश पर नौकरी खोने के बाद धरने पर बैठे लोगों ने उन्हें “चोर-चोर ” कहना शुरू कर दिया. जवाब में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी नारे लगाये. इसके बाद दोनों पक्षों में हाथापाई होने लगी. इसके बाद तृणमूल शिक्षक संगठन ने तमलुक थाना में अभिजीत गांगुली के खिलाफ हत्या की कोशिश, महिलाओं की मानहानि, मारपीट समेत कई गैर जमानती आरोपों के तहत मामला दर्ज कराया था, जिसे चुनौती देते हुए अभिजीत गांगुली ने हाइकोर्ट का रूख किया था.
गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता को संबोधित करते हुए, न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने कहा कि आप जानते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कुछ दिन पहले जमानत मिल गयी है. लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली को परेशान न करें. महाधिवक्ता ने पलटवार करते हुए आश्वासन दिया कि 15 जून तक पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा सकेगी.
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