वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों से निबटने के लिए विशेषज्ञ हुए एकजुट

तत्काल कार्रवाई पर दिया जोर

By Prabhat Khabar News Desk | July 14, 2024 11:04 PM

तत्काल कार्रवाई पर दिया जोर कोलकाता. वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभावों, विशेष रूप से बच्चों पर पड़नेवाले प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर चर्चा के लिए, बंगाल क्लीन एयर नेटवर्क, लंग केयर फाउंडेशन और डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर ने सीएमआरआइ अस्पताल के साथ मिलकर कोलकाता के सीएमआरआइ ऑडिटोरियम में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर को देखते हुए, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों सहित विशेषज्ञों ने जागरूकता बढ़ाने और एहतियाती उपायों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया. कार्यक्रम में लंग केयर फाउंडेशन (भारत) के संस्थापक ट्रस्टी और सेंटर फॉर चेस्ट सर्जरी के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) अरविंद कुमार ने विशेष संबोधन दिया, जिसके बाद पैनल चर्चा हुई. सम्मानित पैनलिस्ट में बोस इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अभिजीत चटर्जी, सीएमआरआइ अस्पताल में कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ अरूप हाल्दार, कैंटोनमेंट बोर्ड (भारत सरकार) की पर्यावरण सलाहकार डॉ स्वाति (नंदी) चक्रवर्ती और आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉ इप्शिता प्रसाद शामिल थे. लंग केयर फाउंडेशन (इंडिया) के संस्थापक ट्रस्टी और सेंटर फॉर चेस्ट सर्जरी के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) अरविंद कुमार ने कहा : नुकसान के मामले में पीएम 2.5 का 22 माइक्रोग्राम, एक सिगरेट पीने के बराबर होता है. अगर पीएम 2.5 का स्तर 250 तक पहुंच जाता है, तो यह 12 सिगरेट पीने के बराबर हो जाता है. जब पीएम 2.5 का स्तर 250 होता है, तो प्रदूषित शहर में पैदा होनेवाला बच्चा इस हिसाब से अपने जीवन के पहले दिन ही 12 सिगरेट पीता है. प्रदूषित शहरों में, नवजात शिशु प्रभावी रूप से धूम्रपान करने वाले बन जाते हैं. यही वजह है कि जन्म से ही वायु प्रदूषण के संपर्क में आने के कारण अब हम युवाओं में फेफड़ों के कैंसर को देखते हैं. मौके पर उपस्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉ इप्शिता प्रसाद ने कहा कि डॉक्टरों के रूप में, हमारे पास अपने रोगियों को स्थायी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रभावित करने की शक्ति है. उदाहरण के लिए, उन्हें भारी प्रदूषण वाले क्षेत्रों में मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करना, उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण में महत्वपूर्ण अंतर ला सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version