कोलकाता. ब्रिटिश डेपुटी हाई कमिश्नर डॉ एंड्रू फ्लेमिंग सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले के टाकी में पहुंचे थे. मौका था विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस का. वहां उन्होंने मानव तस्करी से स्थानीय लोगों को बचाने और इसके पीड़ितों के पुनर्वास के लिए ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन द्वारा समर्थित परियोजना ‘नया सवेरा’ के कार्यक्रमों के तहत स्थानीय हितधारकों से बातचीत की. निर्वाचितजनप्रतिनिधि, पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ता, महिला और बालिका समूहों के प्रतिनिधियों के साथ मिल कर श्री फ्लेमिंग ने संवाद किया. उल्लेखनीय है कि उत्तर 24 परगना जिले के टाकी इलाके को मानव तस्करी के लिहाज से अत्यंत असुरक्षित इलाका माना जाता है. दरअसल, ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन की ऊपरोक्त परियोजना का मकसद मानव तस्करी की दृष्टि से असुरक्षित समूहों को रोजी-रोटी के अवसर प्रदान कर उन्हें सरकारी योजनाओं से उन्हें संबद्ध करते हुए स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस काम करना है. इस तरह के प्रयास में खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं तथा बालिकाओं व महिलाओं के लिए क्रमश: स्टाइपेंड और पेंशन जैसी सुविधाओं तक इनकी पहुंच सुनिश्चित करना आदि शामिल है. टाकी पहुंचे श्री फ्लेमिंग ने कहा कि मानव तस्करी को लेकर चल रही परियोजना से जुड़े हितधारकों से बातचीत के जरिये इस समस्या को लेकर एक बेहतर समझ पैदा करना अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है. श्री फ्लेमिंग ने कहा कि विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस के आयोजन के मद्देनजर इस वर्ष का ध्येय वाक्य है- लीव नो चाइल्ड बिहाइंड अर्थात एक भी बच्चा छूटे नहीं. उन्होंने कहा कि मानव तस्करी को लेकर उन्होंने पश्चिम अफ्रीका, इराक और अफगानिस्तान में काम किया है. सीमा के आसपास इस समस्या से जुड़ी जटिलताएं अलग तरह की हैं. उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि इस समस्या और समाधान से जुड़े हितधारकों ने अपनी उपस्थिति से उनका उत्साह बढ़ाया है. साथ ही उन्होंने कई युवाओं से उनके खुद के अनुभव सुनते रहे. श्री फ्लेमिंग ने कहा – उन्हें पूरी उम्मीद है कि सामुदायिक समर्थन से मानव तस्करी जैसी समस्या का समग्रता में समाधान कर लिया जा सकेगा.
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