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डोमजूर ज्वेलरी शोरूम लूटकांड में गिरफ्तार आरोपी चाची तीन माह तक थी आसनसोल में

रानीगंज सेनको गोल्ड एंड डायमंड शोरूम में डकैती कांड को अंजाम देने से पहले सरगना सोनू गुप्ता उर्फ सोनू सिंह अपने दो सहयोगियों के साथ अंडाल थाना क्षेत्र इलाके में ठहरा हुआ था और यहीं पर बैठकर पूरे प्लान को तैयार कर अपने साथियों के साथ नौ जून को घटना को अंजाम दिया. दो दिन बाद ही 11 जून को हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट डोमजूर इलाके में भी ज्वेलरी शोरूम में डाका पड़ा था.

आसनसोल.

रानीगंज सेनको गोल्ड एंड डायमंड शोरूम में डकैती कांड को अंजाम देने से पहले सरगना सोनू गुप्ता उर्फ सोनू सिंह अपने दो सहयोगियों के साथ अंडाल थाना क्षेत्र इलाके में ठहरा हुआ था और यहीं पर बैठकर पूरे प्लान को तैयार कर अपने साथियों के साथ नौ जून को घटना को अंजाम दिया. दो दिन बाद ही 11 जून को हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट डोमजूर इलाके में भी ज्वेलरी शोरूम में डाका पड़ा था. इस कांड में बदमाशों को लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करानेवाली समस्तीपुर (बिहार) के दलसिंहसराय थाना क्षेत्र के मालीपुर वीटीसी कमरावन इलाके की निवासी आशा देवी उर्फ चाची (49) तीन माह तक आसनसोल में एक किराये के मकान में थी. इस दौरान डकैती में उपयोग सेकेंड हैंड बाइक भी उसने आसनसोल से ही बदमाशों को मुहैया करायी थी. उसने हीरापुर थाना क्षेत्र के महिशिला तीन नंबर कॉलोनी चासीपाड़ा इलाके में ऋषिकेश साहा का घर किराये पर लिया था. जिसे उसके ही एक परिचित ने दिलवाया था. श्री साहा चाची की करतूतें सुनकर सुन्न हो गये है. उन्होंने कहा कि तीन माह तक वह किराये पर मकान लेकर थी, उसके साथ दो लोग और एक बच्चा भी था. स्थानीय पुलिस भी इस दिशा में जांच पड़ताल कर रही है. चाची पर काफी गंभीर आरोप हैं. वह समस्तीपुर जेल में थी. जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर डोमजुर लाया गया.

गौरतलब है कि पुलिस लोगों को लगातार जागरूक कर रही है कि अपना घर किसी को भी किराया देने से पहले उसकी पूरी तरह से छानबीन कर लें और उसकी पूरी जानकारी स्थानीय थाने को भी मुहैया कराएं. वह व्यक्ति यदि किसी भी कांड का आरोपी होगा तो पुलिस उसकी शिनाख्त कर लेगी. यदि किसी मामले में आरोपी नहीं है और पहली बार किसी अपराध को अंजाम देने के उद्देश्य से यहां आकर रुका हुआ है तो भी पुलिस को उसकी भनक लग जायेगी. एडीपीसी की ओर से हर गली में माइकिंग करके यह जानकारी लोगों को दी जा रही है. इसके बावजूद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं. रानीगंज और डोमजूर, दो डकैती कांडों के आरोपी आसनसोल में आकर रुके और यहीं से बैठकर पूरे प्लान तैयार करके उसे अंजाम दिया.

जिस व्यक्ति का घर किराया पर उन्होंने लिया था उसे इसकी भनक तक नहीं थी. यह कोई पहला मामला नहीं हैं, साइबर ठगी के दो सबसे बड़े मामलों में बदमाशों ने छात्र बनकर आसनसोल शहर में घर किराये पर लिया था और लंबे समय तक यहीं पर बैठकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे. ऐसे कई मामले सामने आये हैं. जिसके कारण ही पुलिस किरायेदारों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने कहा कि लोग यदि इस विषय को लेकर थोड़ा सा जागरूक हो जाएं तो अपराध पर काफी हद तक आ अंकुश लग सकता है. किरायेदार के रूप में चाची की जानकारी यदि पुलिस के पास होती तो उसकी कुंडली खंगालने से ही डोमजूर कांड को अंजाम देने से पहले ही उसे रोकना संभव हो सकता था.

बदमाशों को हर प्रकार से लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराती थी चाची

हावड़ा के पुलिस आयुक्त प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि गहने लूट कांड के कुख्यात सुबोध सिंह गैंग से कटकर यह एक नया गैंग बना है. जिसने डोमजुर कांड को अंजाम दिया. इस कांड में चाची की भूमिका काफी अहम है. वह लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराती थी. बदमाशों के लिए आसनसोल में रहकर उसने बाइक मुहैया कराया. कांड के बाद आरोपी कहां रहेंगे इसकी व्यवस्था से लेकर गहनों को बेचने की व्यवस्था भी चाची करती थी.

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