आसनसोल.
आसनसोल लोकसभा चुनाव में अवैध बालू के कारोबार से उगाही का पैसा इस्तेमाल होने से शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता है. इस बात की आशंका जाहिर करते हुए माकपा जिला कमेटी की ओर जिलाधिकारी सह जिला चुनाव अधिकारी एस पोन्नमबलम को गुरुवार को चिट्ठी भेजी गयी. माकपा जिला कमेटी के सचिव गौरांग चटर्जी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में भी अवैध बालू खनन व कारोबार का मुद्दा उठाते हुए इसपर कार्रवाई की मांग की गयी थी. जिसपर कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखी. गुरुवार को पत्र देकर इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने को कहा गया है. बालू के अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लगती है तो इससे उगाही का पैसा चुनाव में उपयोग होगा. जिससे शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव करवाने की प्रक्रिया बाधित होगी. उच्च न्यायालय ने भी बालू के अवैध कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए इसपर अंकुश लगाने को कहा है. प्रभात खबर ही वह अखबार है जिसने इस मुद्दे को गंभीरता के साथ उठाया और इससे होनेवाले दुष्परिणामों की विस्तृत जानकारी दी थी. इसके बावजूद भी सही तरीके से कार्रवाई नहीं हुई और अंधाधुंध अवैध खनन का कार्य जारी रहा. कुल छह थाना क्षेत्र में अजय नदी पर बने कुल 31 अवैध बालू घाटों की सूची देकर कार्रवाई की मांग की गयी है. माकपा जिला सचिव श्री चटर्जी ने कहा कि कांकसा थाना क्षेत्र अंतर्गत अजय नदी में नया कंचनपुर, नार्केल बागान, बलीधा, कृष्णपुर, गौरांगपुर, अमलाजोड़ा, चेलमपुर, आजमा, विश्वनाथपुर, मुबारकगंज, मशान, सातकहानियां, बनकाठी, डांगाल और बसुधा बालू घाट पर, फरीदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नतुनडांगा, पान सिवली, मधायीपुर, रसिकडांगा, भापुड़िया और गौरबाजर बालू घाट पर, पांडवेश्वर थाना अंतर्गत 36 गंडा, श्यामला और कोन्दा बालू घाट पर, बाराबनी थाना क्षेत्र अंतर्गत अमूल्या, रुणाकुड़ा और पारुलबेड़ियां बालू घाट पर, सालानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जीतपुर बालू घाट पर, जामुड़िया थाना क्षेत्र अंतर्गत चुरुलिया, लोदा, बड़तला और बीरकुटी बालू घाटों पर अवैध खनन की होने की सूचना जिलाधिकारी को देकर कार्रवाई की मांग की गयी. ये सभी घाट अजय नदी में स्थित है. दामोदर की भी सूची तैयार करके भेजी जायेगी.नदियों में अंधाधुंध बालू खनन से आम जन जीवन पर पड़ेगा गहरा असर
पश्चिम बर्दवान जिले को बीच में रखकर एक किनारे से दामोदर नदी और दूसरे किनारे से अजय नदी गुजरती है. इन नदियों में सरकारी बालू घाट के साथ अवैध घाट भी हैं जहां धड़ल्ले से बालू खनन का कारोबार चलता है. बालू गाड़ी से दुर्घटना में लोगों की जान जाती है तो दो तीन दिनों तक खूब आंदोलन चलता है. फिर सबकुछ लोग भूल जाते हैं और स्थिति पहले जैसी हो जाती है. पीएचइडी रानीगंज कोलफील्ड एरिया डिवीजन एक का कुल 23 वाटर प्रोजेक्ट अजय और दामोदर नदी में स्थित है. नदी से पानी लेने की कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ती है और प्राकृतिक रूप से फिल्टर पानी होती है इसलिए इसे फिल्टर की जरूरत नहीं पड़ती है. नदी से सीधे उसे रिजर्वॉयर में भेज दिया जाता है. पीएचइडी के एक रिपोर्ट के अनुसार 10 वर्ष पहले नदियों में बालू का स्तर 40 फीट तक था, जो अब घटकर 25 फीट आ गया है. इसके कारण नदियों में पानी पकड़े रखने की क्षमता कम हो गयी है. जिसका सीधा प्रभाव जल वितरण प्रक्रिया पर पड़ा है. इसके बावजूद भी अंधाधुंध बालू खनन पर कोई अंकुश नहीं लग रहा है. आगामी दिनों में यह एक बड़ी समस्या बनकर सामने आनेवाला है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है