पुलिस की मुसीबत बनी नागालैंड से जारी हो रहे हथियार लाइसेंस
पार्क स्ट्रीट इलाके में गत शुक्रवार की रात हुई फायरिंग के मामले में अब तक पांच लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं, लेकिन मूल आरोपी मोहम्मद फइउद्दीन उर्फ सोना अब तक फरार है. मामले की जांच में पुलिस को चौंकानेवाली जानकारी मिली है. पता चला है कि सोना ने जिस हथियार से फायरिंग की थी, वह लाइसेंसी था. उसका लाइसेंस नागालैंड से जारी हुआ था. यह भी जानकारी मिली है कि नागालैंड में कई ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो महज 20 लाख रुपये में लाइसेंसी रिवॉल्वर उपलब्ध करा देते हैं.
कोलकाता.
पार्क स्ट्रीट इलाके में गत शुक्रवार की रात हुई फायरिंग के मामले में अब तक पांच लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं, लेकिन मूल आरोपी मोहम्मद फइउद्दीन उर्फ सोना अब तक फरार है. मामले की जांच में पुलिस को चौंकानेवाली जानकारी मिली है. पता चला है कि सोना ने जिस हथियार से फायरिंग की थी, वह लाइसेंसी था. उसका लाइसेंस नागालैंड से जारी हुआ था. यह भी जानकारी मिली है कि नागालैंड में कई ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो महज 20 लाख रुपये में लाइसेंसी रिवॉल्वर उपलब्ध करा देते हैं. मौजूदा समय में कोलकाता में कई लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं. इनमें नागालैंड से लाइसेंस प्राप्त 35 पिस्तौलें भी शामिल हैं. लालबाजार सूत्रों के अनुसार, इनमें से कई लोग आपराधिक वारदात में शामिल हैं. इन्हें पिस्तौल सौंपने और हिरासत में लेने के मुद्दे पर भी चर्चा की जा रही है.पुलिस सूत्र बताते हैं कि किसी राज्य से हथियार लाइसेंस निकालने के पहले व्यक्ति का उक्त राज्य का कम से कम छह महीने तक निवासी होना आवश्यक है. ऐसे में एजेंट नागालैंड का फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बना लाइसेंस का आवेदन कर देते हैं. नागालैंड में एक ही फर्जी पते पर करीब 150 हथियारों के लाइसेंस जारी किये गये हैं. ये लाइसेंस कोलकाता, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के निवासियों को दिया गया है. संदेशखाली के शेख शाहजहां के पास भी नागालैंड से जारी हथियार लाइसेंस था. उस घटना के बाद से ही कोलकाता पुलिस नागालैंड से जारी लाइसेंस के तहत हथियार खरीदने की इजाजत देने को लेकर सख्त हो गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है