हावड़ा.
गत सोमवार को राज्य सचिवालय नबान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा हावड़ा नगर निगम और बाली नगरपालिका के कामकाज पर असंतोष जाहिर करने के मामले में बाली की पूर्व विधायक व भाजपा नेता वैशाली डालमिया ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब बतौर विधायक वह इन सब मुद्दों को लेकर मुखर हुई थीं, तब उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था. वैशाली ने कहा कि वर्ष 2020 में ही उन्होंने अवैध निर्माण और साफ-सफाई को लेकर आवाज उठायी थी. तब उनकी ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का उन्हें विरोध झेलना पड़ा था. वैशाली ने कहा कि भोट बागान के एक संकरे रास्ते पर अवैध निर्माण हुआ था. इसे लेकर वह विरोध जतायी थीं, क्योंकि इस अवैध निर्माण का एक हिस्सा टूट कर गिरने से एक बच्ची घायल हुई थी. उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि कुछ को छोड़ कर ज्यादातर पार्षद रुपये लेकर अवैध निर्माण कराते हैं. बाली नगरपालिका के अंतर्गत कई जगहों पर खुलेआम अवैध निर्माण हुआ है. जी प्लस वन का प्लान लेकर जी प्लस 4 बना लिया गया. उन्होंने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त है. विधायक रहते उन्होंने अपने फंड से निकासी व्यवस्था को बेहतर बनाने की काफी कोशिश की थी. टीएल जायसवाल अस्पताल चार से पांच महीने तक पानी में डूबा रहता था. उन्होंने अपने फंड से यहां की निकासी व्यवस्था को बेहतर बनाया था. सड़कों पर खुले तौर पर कूड़ेदान न हों, इसके लिए भी उन्होंने अपने विधायक फंड से राशि आवंटित की थी. भाजपा नेता ने कहा कि निगम इलाके में भ्रष्टाचार किस स्तर का हुआ है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीएम को इन मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है