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घोजाडांगा सीमा क्षेत्र में एक किमी तक नहीं हैं कंटीले तार

बांग्लादेश में कुछ दिनों से जारी हिंसा से दिनों-दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं. भारत-बांग्लादेश की सीमा पर बीएसएफ की ओर से हाइ अलर्ट कर दिया गया है.

दहशत में जाग कर रात काट रहे हैं सीमा क्षेत्र के ग्रामीण प्रतिनिधि, बशीरहाट बांग्लादेश में कुछ दिनों से जारी हिंसा से दिनों-दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं. भारत-बांग्लादेश की सीमा पर बीएसएफ की ओर से हाइ अलर्ट कर दिया गया है. जवानों को सतर्क और तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. इसके बावजूद भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट के घोजाडांगा सीमांत क्षेत्र के लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है. घोजाडांगा के दक्षिणपाड़ा के निवासी रात में खाना-पीना तक भूल गये हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उस पार से बांग्लादेशी कट्टरपंथियों यहां प्रवेश न कर जायें. वजह यह है कि उक्त क्षेत्र में लोहे के बाड़ तो हैं, लेकिन उसके कंटीले तार नहीं हैं. वहां से महज कुछ ही दूरी पर बांग्लादेश की सीमा है. कंटीले तार नहीं होने से ग्रामीण चिंतित हैं. दहशत में वे रात जाग कर काट रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, बशीरहाट के सीमांत सीमा भूमि और जलमार्ग सहित 192 किमी लंबी है, जिसमें से घोजाडांगा के दक्षिणपाड़ा से लेकर इटिंडा पानीतर ग्राम पंचायत क्षेत्र तक लगभग एक किलोमीटर का क्षेत्र बिना कंटीले तार का है. लाख सतर्कता के बावजूद वहां के निवासी आतंक में दिन बीता रहे है. यह क्षेत्र बॉर्डर के जीरो प्वाइंट वाला है, इसलिए बांग्लादेश के उस पार से कभी भी कट्टरपंथी भारतीय सीमा के इस गांव में आकर छुप सकते हैं. इस तरफ बशीरहाट में घोजाडांगा सीमा के दक्षिणपाड़ा इलाका है, तो उस तरफ बांग्लादेश के सातखीरा बॉर्डर का लक्ष्मीदरी इलाका है. इस तरफ से उस ओर पैदल चलने में सिर्फ पांच मिनट लगते हैं, इसलिए ग्रामीण दहशत में हैं. मालूम रहे कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दोनों देशों की सुरक्षा के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तार लगाये गये थे. लेकिन राज्य सरकार के भूमि विवाद के कारण पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर कंटीले तार लगाना संभव नहीं हुआ. हालांकि इसका ढांचा लोहे का है, लेकिन इस पर कंटीले तार नहीं हैं. दक्षिणपाड़ा के निवासी प्रदीप दास ने बताया कि ऐसी स्थिति में हमेशा डर बना रहता है. कभी भी आतंकी यहां आकर छिप सकते है. अक्सर रात में कई बार उस पार से आकर लोग किसी की बकरी, तो किसी की गाय चोरी कर लेते हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि एक समय कंटीले तार बहुत मजबूत थे. उस वक्त लोगों को किसी तरह की चिंता नहीं थी. वे लोग आराम से रहते थे. विगत कुछ वर्षों में संरक्षण के अभाव में कंटीले तार धीरे-धीरे टूट कर झड़ गये हैं. इससे इन दिनों लोगों को डर सता रहा है. लोगों का कहना है कि देश की सुरक्षा के लिए तुरंत कंटीले तार लगाये जायें. हाल ही में कुछेक बार देखा गया है कि आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन के लोग बांग्लादेश से इसी सीमा के रास्ते प्रवेश कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिये हैं. खागड़ागढ़ विस्फोट कांड के मुख्य आरोपी ने बशीरहाट की इसी सीमा पर डेरा लगाया था. वहां से उसे केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था.

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