सरकारी कर्मियों को इंक्रीमेंट और वरिष्ठता से वंचित नहीं किया जा सकता : हाइकोर्ट

कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सरकार की गलती से कर्मचारी को नौकरी पाने में देरी हुई, तो ऐसी परिस्थिति में उक्त कर्मचारी को वरिष्ठता व इंक्रीमेंट के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2024 1:54 AM

न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने दिया आदेश

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सरकार की गलती से कर्मचारी को नौकरी पाने में देरी हुई, तो ऐसी परिस्थिति में उक्त कर्मचारी को वरिष्ठता व इंक्रीमेंट के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है. न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने अनिमेष कर्मकार नामक प्राथमिक शिक्षक की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नियम के अनुसार 2017 में पदोन्नति होनी चाहिए और उसी समय से उनके वेतन में भी इंक्रीमेंट होना चाहिए.

अनिमेष कर्मकार के अधिवक्ता सुदीप दासगुप्ता व विक्रम बंद्योपाध्याय ने बताया कि साल 2014 में टीइटी में छह प्रश्न गलत होने के कारण काफी लोग पास नहीं कर पाये थे. इसे लेकर अदालत में कई मामले भी दायर किये गये. बाद में उक्त प्रश्न का नंबर परीक्षार्थियों को देने के बाद कई लोग पास हो गये और हाइकोर्ट के निर्देश पर 2022 में इनकी नियुक्ति की गयी. बताया गया है कि जो लोग 2022 में नियुक्त हुए हैं, उन्हें 2017 से सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इसे लेकर अनिमेष कर्मकार ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने राज्य सरकार से याचिकाकर्ता को वर्ष 2017 से वरिष्ठता व इंक्रीमेंट का लाभ देने का आदेश दिया.

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