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वनांचल में वैध या अवैध निर्माण की कोई आधिकारिक रिपोर्ट सरकार के पास नहीं

बुधवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान वन मंत्री वीरबाहा हांसदा ने बताया कि बीते साल प्रत्येक विधायक को एक हजार पौधे देने की बात थी. वन विभाग विधायकों का इंतजार करता रहा है. लेकिन कुछ विधायकों को छोड़कर किसी ने रूचि नहीं दिखायी.

बोलीं वन मंत्री

संवाददाता, कोलकाता

पर्यावरण को बचाने के लिए विभिन्न तरह का दावा किया जाता है. ऐसे में पौधरोपण की दिशा में विधायकों की क्या भूमिका है, इस पर सवाल उठने लगे हैं. खुद राज्य के वन मंत्री का मानना है कि इस दिशा में विधायकों की सक्रियता नहीं के बराबर है. बुधवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान वन मंत्री वीरबाहा हांसदा ने बताया कि बीते साल प्रत्येक विधायक को एक हजार पौधे देने की बात थी. वन विभाग विधायकों का इंतजार करता रहा है. लेकिन कुछ विधायकों को छोड़कर किसी ने रूचि नहीं दिखायी. हाल ही में झाडग्राम, जंगलमहल समेत कई वनांचल में आग लगने की वारदात हुई है. इससे पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ है. इन घटनाओं का जिक्र करते हुए मंत्री ने पौधरोपण व पयार्वरण को बचाने की दिशा में विधायकों की उदासीनता पर सवाल उठाया. भाजपा विधायक चंदना बाउरी ने सवाल किया कि शालतोड़ के जंगलों में हर साल आगलगी की घटना क्यों होती है. इसे रोकने के लिए वन विभाग क्या कर रहा है. जवाब में मंत्री वीरबाहा हांसदा ने कहा कि वन विभाग तो अपने स्तर पर कदम उठाता ही है. लेकिन स्थानीय स्तर पर विधायक, जनप्रतिनिधि व पंचायत, इसमें पहल करते, तो स्थिति काफी सहज होती. लेकिन अपेक्षित सहयोग इनसे नहीं मिलता है. मंत्री वीरबाहां हांसदा ने कहा कि 31 दिसंबर 2022 तक सरकारी व गैरसरकारी स्तर पर 31.59 वर्ग किलोमीटर वनांचल इलाके में वाणिज्यिक व गैर वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए निर्माण कार्य हुआ है. 31.50 वर्ग किलोमीटर वनांचल को बरकरार रखते हुए 11.879 वर्ग किलोमीटर इलाके में वनांचल बनाया गया है. मंत्री जब विधानसभा में अपना पक्ष रख रहे थे, तबी आइएसएफ के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने सवाल किया कि वनांचल इलाके में कितना वैध व कितना अवैध निर्माण हुआ है. इनको बंद करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाया है. जवाब में मंत्री ने कहा कि अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक रिर्पोट उनके पास नहीं आयी है.

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