CV Ananda Bose : राज्यपाल बोस ने विश्वविद्यालय परिसरों में कथित भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच के दिए आदेश

CV Ananda Bose : राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य में विश्वविद्यालय परिसर “लघु-संदेशखाली” बन गए हैं.उन्होंने कथित हिंसा, भ्रष्टाचार और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए विश्वविद्यालयों के दुरुपयोग की न्यायिक जांच का आदेश दिया है.

By Shinki Singh | April 5, 2024 6:10 PM
an image

CV Ananda Bose : पश्चिम बंगाल सराकर ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस (CV Ananda Bose) के ‘रिपोर्ट कार्ड’ का जवाब देते हुए नौ पन्नों का पत्र जारी किया. कुछ ही घंटों में राज्यपाल ने राज्य के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार और हिंसा का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच के आदेश दे दिये. राजभवन की ओर से इसकी जानकारी दी गयी है. राजभवन का आरोप है कि राज्य के विश्वविद्यालयों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है.

राज्य व राज्यपाल के बीच टकराव और तेज

राजभवन ने यह भी बताया कि एक सदस्यीय जांच समिति इन सभी आरोपों की सच्चाई की जांच करेगी. समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे. माना जा रहा है कि राजभवन के इस फैसले से राज्य व राज्यपाल के बीच टकराव और तेज हो गया है. राज्यपाल के जांच आदेश के बारे में बात करते हुए, राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा, हम जानते हैं कि सरकार फेसबुक जैसे सोशल मीडिया द्वारा नहीं चलती है. इसलिए निर्देश की खबर सरकार के साथ मीडिया तक पहुंचनी जरूरी है. साथ ही ब्रत्या ने निर्देश के एक हिस्से की ओर इशारा करते हुए राज्यपाल पर तंज कसा लिखा, ‘आचार्य और राज्यपाल ने जांच के आदेश दिये हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या आचार्य राज्यपाल की शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं?’

विश्वविद्यालय परिसर बन गए हैं मिनी संदेशखाली

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने महसूस किया है कि सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालय परिसर मिनी संदेशखाली बन गए हैं. आज, उन्होंने पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार, हिंसा, चुनाव प्रचार और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए विश्वविद्यालय परिसरों के दुरुपयोग की न्यायिक जांच का आदेश दिया है. हाल ही में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के खिलाफ महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए गए थे.राज्यपाल की तरफ से न्यायिक जांच के लिये यह आदेश प्रदेश के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु द्वारा 30 मार्च को गौर बंगा विश्वविद्यालय में राजनेताओं के साथ बैठक कर चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर उन्हें कैबिनेट से हटाए जाने के लिये राज्य सरकार को निर्देश देने के एक दिन बाद आया है.राज्यपाल ने आरोप लगाया कि संस्थान परिसर में बैठक आयोजित कर बसु ने “विश्वविद्यालय प्रणाली को बदनाम” किया है.

WB News : भाजपा ने चुनाव आयोग से की ममता बनर्जी की शिकायत, जानें क्या है मामला

Exit mobile version