C V Anand Bose : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (CV Anand Bose) अब तक दिल्ली से क्यों नहीं लौट रहे हैं ? वह काफी समय से राजधानी में हैं.उनकी दिल्ली में रुकने के पीछे का राज क्या है? गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, वह तब तक कोलकाता नहीं लौटेंगे जब तक कोलकाता के राजभवन की सुरक्षा केंद्रीय बलों को नहीं सौंप दी जाती. दरअसल, वे दिल्ली में भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रहे हैं. वह राजभवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही कोलकाता पुलिस को हटाकर केंद्रीय बलों की तैनाती करना चाहते है. दरअसल, वह इस प्रस्ताव को लेकर गृह मंत्रालय के साथ-साथ कई संबंधित विभागों से भी मुलाकात कर रहे हैं.
राजभवन में केंद्रीय जवानों की तैनाती की मांग
मिली जानकारी के अनुसार बोस को अभी पूरी तरह से हरी झंडी नहीं मिली है. क्योंकि, अगर कोलकाता के राजभवन को केंद्रीय बलों ने घेर लिया तो भविष्य में अन्य राज्यों में भी दिक्कत हो सकती है. केंद्र व राज्य के संबंध भी प्रभावित हो सकते हैं और इसीलिए गृह मंत्रालय गवर्नर बोस से बिना कुछ कहे इस मामले पर विभिन्न पक्षों से राय मांग रहा है. सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तुलना में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारअजीत डोभाल के ज्यादा करीब हैं. हालांकि, अजीत डोभाल के खेमे ने गवर्नर बोस के प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया और सिफारिश की कि राजभवन को केंद्रीय बलों द्वारा घेर लिया जाए. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय और अमित शाह के करीबी अधिकारी निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं.
राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और डीसी सेंट्रल के खिलाफ खोला मोर्चा
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य प्रशासन और पुलिस के तीन शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ की सिफारिश की है. 6 जून और 20 जून को केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे दो पत्रों में बोस ने तीनों अधिकारियों पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है. ये अधिकारी हैं राज्य के मुख्य सचिव बीपी गोपालिका, कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और डीसी (सेंट्रल) इंदिरा मुखोपाध्याय. गौरतलब है कि 20 जून को राज्यपाल द्वारा शाह को लिखे पत्र में मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर द्वारा राजभवन मामले की जांच का भी जिक्र किया गया था.अब देखना है कि केंद्रीय गृह मंत्री क्या फरमान जारी करते है.