संवाददाता, कोलकाता
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिख कर राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. राजभवन के सूत्रों से यह पता चला है. लोकसभा चुनाव के बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की शिकायतें आ रही हैं. राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल को राज्य में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ विपक्ष के हमले की कई शिकायतों के बारे में पता चला है. उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अपनी चिंता व्यक्त की है.
राजभवन के सूत्रों ने दावा किया कि पत्र में राज्यपाल ने टिप्पणी की है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गयी है. यह भी जानने की कोशिश की गयी है कि चुनाव के बाद सामने आयी हिंसा की घटनाओं को लेकर सरकार ने क्या कदम उठाये हैं.
गौरतलब है कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी हाल ही में चुनाव बाद हिंसा के ””””””””पीड़ित”””””””” भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ राजभवन गये थे. पहले दिन उन्हें रोक दिया गया. बाद में इसे लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाये. शुभेंदु ने कोर्ट को बताया कि इजाजत होने के बावजूद पुलिस ने उन्हें पीड़ितों के साथ राजभवन जाने से रोका. सुनवाई में कोर्ट ने बताया कि अगर शुभेंदु दोबारा राजभवन जाना चाहते हैं, तो उन्हें फिर से इजाजत लेनी होगी. अनुमति मिलने के बाद शुभेंदु गत रविवार को राजभवन गये थे. उनके साथ चुनाव बाद हिंसा से प्रभावित भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद थे. उनसे मुलाकात के बाद राज्यपाल ने कहा कि उन्हें कुल 1025 शिकायतें मिली हैं.
इसके बाद शुभेंदु ने पुलिस से पीड़ितों के साथ राजभवन के सामने धरने पर बैठने की इजाजत मांगी, लेकिन कथित तौर पर पुलिस ने इजाजत नहीं दी, क्योंकि राजभवन के सामने धारा 144 लागू है. इसके बाद शुभेंदु ने बैठने की इजाजत के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने कोर्ट में तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी का मुद्दा उठाया. उन्होंने बिना नाम लिये कहा : गत अक्तूबर में सत्तापक्ष के एक नेता राजभवन के सामने धरने पर बैठे थे. अगर उन्हें इजाजत है, तो पुलिस भाजपा के शांतिपूर्ण कार्यक्रम को इजाजत क्यों नहीं देगी? शुभेंदु के वकील ने यह सवाल उठाया था. हालांकि, अदालत ने शुभेंदु से कार्यक्रम के लिए वैकल्पिक स्थल का नाम बताने को कहा. शुभेंदु ने अदालत को बताया कि वह शुक्रवार को राजभवन के विकल्प के रूप में राज्य पुलिस महानिदेशक के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठना चाहते हैं. अनुमति के बावजूद शुभेंदु को राजभवन में प्रवेश करने से रोकने के मामले में राजभवन ने नबान्न से रिपोर्ट मांगी है. राज्य और राजभवन के बीच इस टकराव के संदर्भ में राज्यपाल ने फिर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
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