हिंसा पीड़ितों से मिले गवर्नर, कहा- अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाने में विफल रही है राज्य सरकार
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर यह जानना चाहा कि आखिर किस आधार पर पुलिस ने चुनाव बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों को राजभवन में प्रवेश करने से रोका?
संवाददाता, कोलकाता
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर यह जानना चाहा कि आखिर किस आधार पर पुलिस ने चुनाव बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों को राजभवन में प्रवेश करने से रोक? क्योंकि उनके कार्यालय ने इसके लिए आवश्यक अनुमति दी थी. राज्यपाल ने बड़ाबाजार स्थित माहेश्वरी भवन का भी दौरा किया और हिंसा पीड़ित लोगों से मुलाकात की. राज्यपाल ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ जिस तरह चुनाव बाद भी हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, लोग डर के मारे इधर-उधर भटक रहे हैं. उससे ऐसा लगता है कि राज्य सरकार अपने संवैधानिक दायित्व को निभाने में विफल रही है. मैंने पीड़ितों की बात सुनी. बतौर राज्यपाल मैं कोई भी टिप्पणी करने से पहले निष्पक्ष रहना चाहूंगा. मैंने रिपोर्ट मांगी है. सरकार को जो कहना है उसे सुनने के बाद मैं आपको अपनी अपनी राय दूंगा.”राज्यपाल ने सीएम को लिखे अपने पत्र में उन संवैधानिक मानदंडों का भी हवाला दिया, जिनके तहत मुख्यमंत्रियों को राज्य के मामलों में प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित मंत्रिपरिषद के सभी निर्णयों के बारे में राज्यपालों को सूचित करने की आवश्यकता होती है. बता दें कि पुलिस ने गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और चुनाव बाद हिंसा के कथित पीड़ितों को धारा 144 का हवाला देते हुए राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया था. जबकि राज्यपाल ने उन्हें राजभवन में प्रवेश करने और उनसे मिलने की लिखित अनुमति दी थी. इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया. राज्यपाल ने शुक्रवार को सीएम को संवैधानिक निर्देश जारी किये और जानना चाहा कि उन्हें क्यों रोका गया. राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान बोस ने माहेश्वरी भवन में रहने वाले लगभग 150 लोगों से बातचीत की और उनकी शिकायतों का ब्योरा लिया.
लोगों से की अपील- बंगाल को हिंसा मुक्त बनाने के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा
राज्यपाल ने शुक्रवार देर रात एक ऑडियो संदेश जारी कर कहा कि चुनाव बाद जो हिंसा हो रही है, उसके खिलाफ हम एकजुट होकर लड़ेंगे. राज्यपाल ने कहा,“ मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस, कवि रबींद्रनाथ टैगोर व स्वामी विवेकानंद की शपथ लेकर कहता हूं कि राज्य में हो रही हिंसा के विरुद्ध अपनी लड़ाई अंत तक जारी रखूंगा. मेरे साथ बंगाल की जनता एवं बुद्धिजीवी भी हैं.” राज्यपाल ने आगे कहा कि बंगाल की जनता में वह ताकत है कि वह कुछ भी कर सकती है. बंगाल से हिंसा को एकजुट होकर खत्म किया जा सकता है. अब कोर्ट के आदेश के बाद हिंसा से पीड़ित लोग राजभवन आकर मुझसे मुलाकात कर सकते हैं. राज्यपाल ने यह भी कहा कि राजभवन में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को बदल देना चाहिए.
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