संवाददाता, कोलकाता
पूरे देशभर में जीएसटी में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मामले सामने आये हैं. जीएसटी में फर्जी कंपनियां खोलकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. यह धोखाधड़ी पश्चिम बंगाल में भी बड़े पैमाने पर हुई है. इसे नियंत्रित करने के लिए सोमवार से राज्यभर में जीएसटी आधार सत्यापन अभियान शुरू किया गया है. यह नियम उन औद्योगिक प्रतिष्ठानों या व्यापारियों के लिए सशर्त लागू किया जा रहा है, जो जीएसटी के लिए आवेदन करेंगे. हालांकि, यह नियम उन कंपनियों पर लागू नहीं है जिन्होंने पहले से ही जीएसटी पंजीकरण प्राप्त कर लिया है. इसे लेकर राज्य के वित्त विभाग की ओर से जीएसटी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया था.
बताया गया है कि इस अभियान के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के वाणिज्यिक कर निदेशालय की ओर से राज्यभर में 32 जीएसटी सुविधा केंद्र शुरू किया गया है. बताया गया है कि जो लोग जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से जीएसटी पोर्टल पर कई दस्तावेज जमा करने होंगे और दस्तावेजों की जांच राज्य वित्त विभाग द्वारा की जायेगी. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड की जानकारी के मुताबिक आवेदकों को आधार वेरिफिकेशन के लिए 15 दिन का समय मिलेगा. आवेदकों को सुविधा केंद्र पर आते समय आधार, पैन, नियुक्ति ई-मेल की प्रति और आवेदन के समय अपलोड किये गये दस्तावेज लाना होंगा. गौरतलब है कि दिसंबर तक देशभर में 29,273 फर्जी कंपनियों का पता चला है. इन कंपनियों ने जीएसटी में 44 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की है और इसमें से 15,240 करोड़ रुपये का घोटाला एसजीएसटी में हुआ. इस भारी नुकसान से बचने के लिए केंद्र सरकार आधार वेरिफिकेशन की ओर बढ़ रही है. यह पहल पश्चिम बंगाल में भी शुरू की गयी है.
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