भारतीय नागरिकता मिलने से खुश विकास मंडल अब परिजनों के लिए भी चाहते हैं प्रमाणपत्र
बिना किसी परेशानी के भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से खुश पूर्व बांग्लादेशी नागरिक विकास मंडल की योजना अब अपने परिवार के सदस्यों को जल्द ही ‘देशीयकरण प्रमाणपत्रों’ के लिए आवेदन कराने की है.
कोलकाता.
बिना किसी परेशानी के भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से खुश पूर्व बांग्लादेशी नागरिक विकास मंडल की योजना अब अपने परिवार के सदस्यों को जल्द ही ‘देशीयकरण प्रमाणपत्रों’ के लिए आवेदन कराने की है. मंडल ने कहा कि उनके माता-पिता और पत्नी भी बांग्लादेशी नागरिक हैं तथा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत भारतीय नागरिकता के लिए उन्होंने आवेदन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अब, वह अपने पिता, मां और पत्नी से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कराना चाहते हैं.
राज्य के असननगर स्थित अपने घर से फोन पर बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि दस्तावेज जमा करना और सत्यापन प्रक्रिया ‘आसान एवं निर्बाध’ है. मूल रूप से बांग्लादेश के झेनाइदह जिले के रहने वाले मंडल और उनका परिवार, असननगर में बस गये. विकास मंडल (34) ने बताया कि भारत में बसने के बाद उनकी शादी हो गयी और उनकी पत्नी भी पड़ोसी देश की रहने वाली हैं. हम अपने भविष्य के बारे में सोचकर काफी परेशान थे क्योंकि वहां हम अपने सगे-संबंधियों के बिना रह रहे थे. मंडल, अपने माता-पिता के साथ 2012 में भारत आये थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने पूर्व में नागरिकता प्राप्त करने की कोशिश नहीं की थी जबकि 2014 से पहले ही उनका यहां राशन कार्ड बन गया था. उन्होंने कहा कि सीएए अधिसूचना के बारे में जानने के बाद उन्होंने 27 अप्रैल को निर्दिष्ट पोर्टल पर आवेदन किया था.
मंडल ने कहा कि सत्यापन प्रक्रिया आसान है. बांग्लादेश में स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी किया गया अपना जन्म प्रमाणपत्र सौंपा. उन्होंने बताया कि दस्तावेजों का सत्यापन नादिया जिला मुख्यालय कृष्णानगर में डाक अधीक्षक कार्यालय में 27 मई को किया गया और ई-मेल के जरिये 29 मई को आधिकारिक दस्तावेज मिले. गृह मंत्रालय से मंडल को मिले ‘देशीयकरण प्रमाणपत्र’ ने उन्हें भारतीय नागरिक को मिलने वाले सभी अधिकार एवं दायित्व प्रदान किये हैं.
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