निगम के मासिक अधिवेशन में उठा हॉकरों के अतिक्रमण का मुद्दा
भाजपा पार्षद सजल घोषित ने तृणमूल को घेरा
भाजपा पार्षद सजल घोषित ने तृणमूल को घेरा सीएम के बयान पर उठाये सवाल कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर कोलकाता समेत राज्य भर में हॉकरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. महानगर में हॉकरों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान की ””””ऑपरेशन सनसाइन”””” से तुलना की जा रही है. कोलकाता नगर निगम में भाजपा पार्षद ने इस अभियान को वाममोर्चा सरकार के कार्यकाल में हॉकरों को हटाने के लिए चलाये गये अभियान ऑपरेशन सनसाइन से तुलना की. शुक्रवार को निगम में आयोजित मासिक अधिवेशन में भाजपा पार्षद सजल घोष ने एक प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा : मुख्यमंत्री कहती हैं कि पार्षद हॉकरों को अवैध तरीके से बैठने में मदद करते हैं. ऐसे पार्षदों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो. सीएम के निर्देश की हम निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि जगह देख कर अभियान चलाया जा रहा है. हाथीबागान के हॉकरों पर बुलडोजर चला, जबकि न्यूमार्केट, राजाबाजार, खिदिरपुर में हॉकरों को छुआ तक नहीं गया है. उन्होंने बताया कि हाथीबागान व गरियाहाट में बैठने वाले हॉकरों के लिए अलग नियम व राजाबाजार और न्यू मार्केट के हॉकरों के लिए अलग निगम क्यों? उन्होंने कहा : हम हॉकरों के विरोधी नहीं हैं. पर उन्हें कानून के तहत रह कर हॉकरी करना चाहिए. इस प्रस्ताव के जवाब में मेयर फिरहाद हकीम ने कहा : मैंने पहले भी कहा है. फिर कहता हूं कि कोलकाता में हॉकारों का निष्कासन नहीं हुआ है. कोलकाता में हॉकरों को नियंत्रित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हॉकरों की कोई स्थायी दुकान नहीं होती है. पर कई जगहों पर हॉकरों द्वारा फुटपाथ को घेर कर हॉकिंग की जा रही है, जिसे तोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि गरियाहाट के हॉकरों के लिए गोदाम तैयार किये जायेंगे, जहां अग्निशमन की व्यवस्था होगी. पर विपक्ष तब इस मुद्दे को उठा रहा है, जब फेरीवालों की समस्या का समाधान हो गया है. अब भाजपा की नींद खुली है. मेयर ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा : हम बुलडोजर वाली राजनीति नहीं करते हैं. यह राजनीति भाजपा करती है. टाउन वेंडिंग कमेटी द्वारा कोलकाता में गरियाहाट, हाथीबागान, न्यूमार्केट समेत कुल पांच बाजारों को सर्वे हो गया है. अब सरप्राइज विजिट होगी. इसमें देख जायेगा कि जो लोग हॉकिंग कर रहे हैं, वे दुकान उनकी है या किसी और की. इसके बाद फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जायेगी. वहीं, रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद कोलकाता के अन्य बाजारों में सर्वे किया जायेगा.
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