कोलकाता.कोलकाता मेडिकल कॉलेज स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ आब्थलमोलॉजी (आरआइओ) की जांच टीम ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में बताया गया है कि मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान चिकित्सकों द्वारा उपयोग में लाये गये तरल पदार्थ के संक्रमित होने की वजह से यह घटना घटी. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, गार्डेनरीच सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद 16 मरीज ने शिकायत की थी कि उन्हें देखने में परेशानी हो रही है. कुछ को सर्जरी के बाद दिखना भी बंद हो गया. इन सभी को इलाज के लिए आरआइओ में भर्ती कराया गया है. बता दें कि, गार्डेनरिच सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 141 में स्थित है. सूत्रों के अनुसार, अस्पताल में 20-25 मरीजों के परिजनों ने मोतियाबिंद सर्जरी के बाद नहीं दिखने की शिकायत की थी. इस शिकायत के मद्देनजर संबंधित अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया. अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेशन थियेटर को कीटाणुशोधन के लिए बंद कर दिया गया है. प्रारंभिक तौर पर यह समस्या संक्रमण के कारण मानी जा रही है.
उधर, मरीज के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने दोषियों को सजा देने की मांग की है. राज्य के स्वास्थ्य निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि उन्होंने दो मरीजों की समस्या के बारे में सुना है. हालांकि, उन्हें इस बात की कोई खबर नहीं है कि किसी की आंखों की रोशनी चली गयी है. उन दोनों मरीजों का इलाज आरआइओ में चल रहा है.
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