Mamata Banerjee : ममता बनर्जी के खिलाफ राज्यपाल के मानहानि मुकदमे की सुनवाई गुरुवार तक स्थगित

Mamata Banerjee : राज्यपाल बोस के वकील ने आवश्यक बदलावों को शामिल करते हुए नयी अर्जी दाखिल करने के लिए समय मांगा जिसके बाद अदालत ने अनुमति देते हुए कहा कि मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी.बोस ने 28 जून को ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

By Shinki Singh | July 3, 2024 1:31 PM
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 Mamata Banerjee : कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी. आनंद बोस (CV Anand Bose) द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. राज्यपाल बोस ने ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं की कथित टिप्पणियों को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. राज्यपाल के वकील द्वारा दायर याचिका में आवश्यक बदलाव किए जाने के बाद मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी. बोस के वकील ने दावा किया कि राज्यपाल के खिलाफ निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं.

मामले की सुनवाई अब होगी गुरुवार को

उन्होंने मानहानि के मुकदमे में प्रतिवादियों द्वारा भविष्य में दिए जाने वाले बयानों पर अंतरिम रोक लगाए जाने का भी अनुरोध किया.न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने बुधवार को कहा कि मुकदमे में जिन प्रकाशनों का उल्लेख किया गया है, उन्हें इसमें पक्षकार नहीं बनाया गया है. राज्यपाल बोस के वकील ने आवश्यक बदलावों को शामिल करते हुए नयी अर्जी दाखिल करने के लिए समय मांगा जिसके बाद अदालत ने अनुमति देते हुए कहा कि मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी.बोस ने 28 जून को ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

Mamata Banerjee : राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आखिर क्यों ममता बनर्जी के खिलाफ दायर किया मानहानि का मुकदमा

ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर बोला था हमला

ममता बनर्जी ने हाल ही में नबान्न में एक सरकारी बैठक से राज्यपाल पर हमला बोला था. राज्य के दो भावी विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर राजभवन और विधानसभा भवन के बीच चल रहे तनाव पर ममता बनर्जी ने कहा, ”हमें राजभवन क्यों जाना चाहिए ? वह विधानसभा में क्यों नहीं आएंगे? उन्होंने मुझसे शिकायत की कि राजभवन में जो गतिविधियां चल रही हैं, उसके कारण लड़कियां वहां जाने से डरती हैं. उल्लेखनीय है कि राजभवन में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने दो मई को बोस के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की थी.संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी राज्यपाल के विरुद्ध उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती.

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