कोयला तस्करी कांड में आरोप गठन पर सुनवाई नौ अगस्त को
पूरक आरोप पत्र में नामजद दो आरोपियों के गिरफ्तार नहीं होने और आरोप पत्र की प्रति सभी को सप्लाई नहीं होने के कारण सुनवाई की प्रक्रिया टली
आसनसोल. कोयला तस्करी कांड में आखिरकार बुधवार को भी आरोप गठन पर सुनवाई की प्रक्रिया टल गयी. प्रभात खबर ने बुधवार को प्रकाशित अपनी खबर में लिखा था कि दूसरा पूरक आरोप पत्र जमा होने के बाद इसकी प्रति सभी आरोपियों को सप्लाई नहीं होने तक आरोप गठन पर सुनवाई की संभावना नहीं है. बुधवार को यही हुआ. आरोपी पक्ष के वकील सोमनाथ चट्टराज ने बताया कि दूसरा पूरक चार्जशीट सीबीआइ ने जमा किया है. जिसमें सात लोगों के नाम हैं. पांच गिरफ्तार हो चुके हैं, दो को फरार बताया गया है. जबतक फरार दो आरोपियों की गिरफ्तारी या अदालत की कार्रवाई पूरी नहीं होती और सभी को आरोपपत्र की प्रति सप्लाई नहीं होती तब तक चार्ज गठन पर सुनवाई पूरी नहीं हो पायेगी. दूसरे पूरक आरोपपत्र में नामजद व गिरफ्तार पांच आरोपियों, इसीएल कुनुस्तोड़िया एरिया के पूर्व महाप्रबंधक अमित कुमार धर, काजोड़ा एरिया के पूर्व महाप्रबंधक नरेश चंद्र साहा और कोयला खनन व अवैध कारोबार से जुड़े तीन लोग, श्रीमंत ठाकुर, विद्यासागर दास, अश्विनी कुमार यादव की जमानत पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सभी की जमानत मंजूर कर दी. गौरतलब है कि लंबे इंतजार के बाद सीबीआइ ने आखिरकार दूसरा पूरक आरोप पत्र मंगलवार को दाखिल कर दिया. इस आरोपपत्र में इसीएल के दो पूर्व महाप्रबंधकों के नाम शामिल है. जो गिरफ्तार भी हुए हैं. सूत्रों के अनुसार इन दोनों के नाम चार्जशीट में शामिल करने के लिए सीबीआइ को इन अधिकारियों से संबंधित संस्था के वरिष्ठ अधिकारी से मंजूरी लेनी थी. इस मंजूरी के विलंब से मिलने का हवाला सीबीआइ ने पिछली तारीख में दिया था कि दो अधिकारियों के नाम की मंजूरी मिलने में विलंब होने के कारण चार्जशीट जमा नहीं हुई. आखिरकार मंजूरी मिल गयी और चार्जशीट दाखिल की गयी. इस मामले में पहले प्राथमिक आरोपपत्र में 41 लोगों के नाम हैं. पहले पूरक चार्जशीट में दो लोगों के नाम हैं और दूसरे पूरक चार्जशीट में इसीएल कुनुस्तोड़िया एरिया के पूर्व महाप्रबंधक अमित कुमार धर, काजोड़ा एरिया के पूर्व महाप्रबंधक नरेश चंद्र साहा के अलावा लाला के सहयोगी श्रीमंत ठाकुर, विद्यासागर दास, अश्विनी कुमार यादव, तारकेश्वर राय और मोहम्मद शमीम के नाम शामिल किये गये हैं. सभी निजी लोगों को खननकारी बताया गया है. 27 नवंबर 2020 को सीबीआइ एसीबी कोलकाता की टीम ने अवैध कोयला खनन और कारोबार को लेकर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शूरू की थी. इस मामले में सीबीआइ की जांच प्रक्रिया पर अदालत ने काफी नाराजगी जताते हुए कहा था कि अनंतकाल तक जांच नहीं चल सकती है. मामले में जल्द से जल्द आरोप पत्र जमा करें, जिसके उपरांत इस मामले का ट्रायल शुरू होगा. 21 मई 2024 को आरोपपत्र जमा करने को कहा गया था. सीबीआइ आरोपपत्र जमा नहीं कर पायी. उस दिन भी अदालत ने नाराजगी जताई थी और तीन जुलाई की तारीख दी. इस बीच सीबीआई ने मामले में इसीएल के दो पूर्व महाप्रबंधकों के साथ कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया. मामले में नया मोड़ आया. मंगलवार को सीबीआइ ने सात लोगों के खिलाफ आरोपपत्र जमा किया है. जिसमें से दो की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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