कोलकाता. नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने जमानत के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गयी. लेकिन हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. बताया गया है कि न्यायमूर्ति मंथा 30 अप्रैल को इस मामले में अपना फैसला सुनायेंगे. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी के अधिवक्ता ने उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के खिलाफ बयान बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि चार अगस्त के बाद अर्पिता मुखर्जी ने अचानक बयानबाजी शुरू कर दिया है. गिरफ्तारी के इतने दिनों बाद आखिर वह अचानक उनके मुवक्किल पार्थ चटर्जी के खिलाफ बोलना क्यों शुरू किया है, जबकि पहले वह चुप थीं. पार्थ चटर्जी के अधिवक्ता ने दावा किया कि किसी भी मामले में किसी एक आरोपी के बयान के आधार पर अन्य आरोपी को सजा नहीं सुनायी जा सकती. उन्होंने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट द्वारा दिये गये कई आदेशों का हवाला दिया. हालांकि, मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गयी है, अब अदालत 30 अप्रैल को मामले में अपना फैसला सुनायेगी.
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पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने फैसला सुरक्षित रख लिया है
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