संवाददाता, कोलकाता
चक्रवात रेमाल से राज्य में विशेष कर तटवर्ती जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. नुकसान का जायजा लेने के लिए सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी ने अधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर मुख्य सचिव से फोन पर बातचीत की. राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है. इस बाबत राज्य के आपदा प्रबंदन विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि चक्रवात का सबसे अधिक असर दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना व पूर्व मेदिनीपुर जिले में पड़ा है. साथ ही कोलकाता, हावड़ा, हुगली व पश्चिम मेदिनीपुर में भी भारी बारिश हुई है. कोलकाता में 140 मिमी, हल्दिया में 110 मिमी व अन्य क्षेत्रों में 60 मिमी से अधिक बारिश हुई है. प्रभावित जिलों में कुल 1400 राहत शिविर लगाये गये हैं, जहां दो लाख से अधिक लोगों को रखा गया है. चक्रवात के कारण 2500 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जिनकी मरम्मत के लिए राज्य सरकार एक लाख 20 रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी. करीब 27 हजार घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त बताये जा रहे हैं, जिनकी समीक्षा की जायेगी और उन्हें भी सहायता राशि प्रदान की जायेगी. चक्रवात से दक्षिण 24 परगना व उत्तर 24 परगना जिले में 1700 से अधिक बिजली के खंभे गिर गये हैं. बिजली विभाग द्वारा इसकी मरम्मत की जा रही है.
राज्य सचिवालय के अधिकारी के अनुसार, सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवात से हुई तबाही और उसके बाद की स्थिति से निबटने के लिए किये जा रहे उपायों को लेकर मुख्य सचिव बीपी गोपालिका से बात की. सीएम ने जान-माल के नुकसान और घायलों की संख्या के बारे में जानकारी ली. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के अनुसार, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का फैसला किया है. अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में बुनियादी ढांचे और संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ. क्योंकि चक्रवात रेमल के कारण 135 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं.
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