26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उरगेन तमांग को रूस से वापस लाने में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मांगी मदद

पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिला निवासी उरगेन तमांग के परिवार और शुभचिंतकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उन्हें रूस से वापस लाने में हस्तक्षेप करने की अपील की है.

संवाददाता, कोलकाता

पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिला निवासी उरगेन तमांग के परिवार और शुभचिंतकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उन्हें रूस से वापस लाने में हस्तक्षेप करने की अपील की है. उरगेन तमांग एजेंसी के जरिये नौकरी के लिए रूस गये थे और उन्हें कथित तौर पर जबरन रूसी सेना में शामिल कर लिया गया है और परिवार का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है.

कलिम्पोंग नगरपालिका में प्रशासक मंडल के अध्यक्ष रबी प्रधान ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को, दो बार राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एवं एक बार विदेश मंत्रालय को इस बारे में लिखा. लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है.

श्री प्रधान ने कहा कि हमें उरगेन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है. आखिरी बार सोमवार शाम करीब सात बजे उनसे बात हुई थी और तब से उनका कोई अता-पता नहीं है. हम चिंतित हैं. उन्होंने बताया कि उसी शाम उरगेन ने अपनी पत्नी अंबिका से भी बात की थी, जो कलिम्पोंग में अपनी दो बेटियों के साथ रहती हैं. उन्होंने बताया कि आखिरी बार उरगेन सोमवार शाम 7.17 बजे ऑनलाइन थे.

गौरतलब है कि उरगेन पूर्व सैनिक हैं और बेहतर नौकरी की तलाश में 18 जनवरी को रूस गये थे. उन्होंने कथित तौर पर रूस से की गयी बातचीत में परिवार को सूचित किया था कि उन्हें रूसी सेना की 144वीं ब्रिगेड की दूसरी बटालियन में तैनात किया गया है और यूक्रेन से जारी लड़ाई में लड़ने के लिए अग्रिम मोर्चे पर भेजा गया है.

श्री प्रधान ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हाल ही में हुई बातचीत के बाद उरगेन के लिए चीजें सकारात्मक हो जायेंगी और उन्हें भारत भेज दिया जायेगा.

श्री प्रधान ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं है. हमें किसी भी पत्र का जवाब नहीं मिला है. इसलिए, उनके शुभचिंतकों और उनके परिवार के सदस्यों के रूप में, हमने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने और उन्हें वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध करने निर्णय लिया है.

श्री प्रधान ने बताया कि उरगेन ने विदेश मंत्रालय (एमईए) को कई बार पत्र लिखकर वापस लाने की गुहार लगायी थी. उन्होंने बताया कि जवाब में उन्हें कथित तौर पर एक ईमेल मिला, जिसमें कहा गया है कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, अभी तक कोई वास्तविक अपडेट नहीं मिला है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें