शेख शाहजहां के दो करीबियों को दी गयी सशर्त जमानत
संदेशखाली में गत पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों पर हुए हमले से जुड़े एक मामले में दो और आरोपियों को अदालत ने सशर्त जमानत दे दी. हालांकि, दोनों को अन्य मामलों में जमानत नहीं मिली है, इसलिए उन्हें फिलहाल न्यायिक हिरासत की अवधि संशोधनगार में ही काटनी पड़ेगी.
कोलकाता.
संदेशखाली में गत पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों पर हुए हमले से जुड़े एक मामले में दो और आरोपियों को अदालत ने सशर्त जमानत दे दी. हालांकि, दोनों को अन्य मामलों में जमानत नहीं मिली है, इसलिए उन्हें फिलहाल न्यायिक हिरासत की अवधि संशोधनगार में ही काटनी पड़ेगी. आरोपियों के नाम दीदार बख्श मोल्ला और जियाउद्दीन मोल्ला हैं. वे मामले के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां के करीबी बताये जाते हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों पर हुए हमले से जुड़े मामले में उनके खिलाफ नजात थाने में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज हुई थीं. बाद में कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की. मई में सीबीआइ ने बशीरहाट महकमा अदालत में इडी अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर तृणमूल कांग्रेस से निलंबित शेख शाहजहां के अलावा फारूक आकुंजी, शेख आलमगीर, दीदार बख्श मोल्ला, मोहम्मद सिराजुल, जियाउद्दीन मोल्ला और सिराजउद्दीन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. दोनों आरोपियों के अधिवक्ताओं ने बशीरहाट महकमा में जमानत की याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से उनकी जमानत का विरोध किया गया. हालांकि, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने इडी अधिकारियों पर हुए हमले से जुड़े एक मामले दीदार और जियाउद्दीन को पांच हजार रुपये के व्यक्तिगत बॉन्ड पर जमानत दी. इन दोनों के पहले मामले को लेकर फारूख आकुंजी उर्फ फारूक को अदालत ने सशर्त जमानत दी थी. फारूख जेल से बाहर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है