हाइकोर्ट ने मदरसा सेवा आयोग पर लगाया दो लाख रुपये का जुर्माना
कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश हरीश टंडन एवं न्यायाधीश प्रसेनजीत विश्वास की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अदालत की अवमानना के मामले में मदरसा सेवा आयोग पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
संवाददाता, कोलकाता
कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश हरीश टंडन एवं न्यायाधीश प्रसेनजीत विश्वास की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अदालत की अवमानना के मामले में मदरसा सेवा आयोग पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बताया जा रहा है कि हाइकोर्ट ने आयोग को मदरसा स्कूलों में ग्रुप डी के रिक्त पदों पर नियुक्ति का आदेश दिया था. लेकिन आयोग ने अब तक अदालत के फैसले का अनुपालन नहीं किया. गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग को दो लाख रुपये हाइकोर्ट के विधिक सेवा विभाग में जमा करने का निर्देश दिया. साथ ही डब्ल्यूबीएमएससी अधिकारियों को अगले तीन महीने के भीतर तीन हजार रिक्तियों के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया.
उल्लेखनीय है कि राज्य में मदरसों के लिए ग्रुप-डी श्रेणी में गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए 2010 में प्रिलिमिनरी परीक्षा आयोजित की गयी थी. इसके बाद 2011 में लिखित परीक्षा हुई थी. हालांकि, पिछले 13 वर्षों में परिणाम घोषित नहीं किये गये और ना ही कोई भर्ती की गयी. परीक्षा में शामिल होने वाले कुछ उम्मीदवारों ने परिणाम तत्काल प्रकाशित करने की मांग करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 2019 में हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने रिक्त पदों पर 14 दिनों के भीतर नियुक्ति करने का आदेश दिया था. हालांकि, आयोग ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ पर चुनौती दी थी. हालांकि, डिविजन बेंच ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा, लेकिन आयोग ने विभिन्न कारण दर्शाते हुए बार-बार एक्सटेंशन की मांग की और परिणाम घोषित नहीं किये. आयोग के इस रवैये के खिलाफ कई अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट का रुख किया, जिस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए डिविजन बेंच ने यह स्पष्ट कर दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया अगले तीन महीनों के भीतर पूरी करनी होगी और इसके बाद कोई और विस्तार नहीं दिया जायेगा.
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