पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली के निष्कासित तृणमूल नेता शेख शाहजहां को बचाने का आरोप राज्य की खुफिया पुलिस पर लगा था. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने शुक्रवार को इससे संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान राज्य को चेतावनी देते हुए कहा कि संदेशखाली में तीन भाजपा नेताओं की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी शेख शाहजहां का नाम ही चार्जशीट से कैसे हटा दिया गया. न्यायाधीश ने पुलिस जांच पर सवाल उठाया. कोर्ट के आदेश पर दोबारा जांच कर पुलिस ने पूरक आरोप पत्र में शेख शाहजहां का नाम भी डाल दिया था.
पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं होने पर मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी
हालांकि, कोर्ट पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं होने पर मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी थी. शुक्रवार को न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने उस मामले में सीआईडी की भूमिका पर बड़े सवाल उठाये. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि पिछले जांच अधिकारी ने मामले की सही प्रकार से जांच नहीं की थी. अगर अदालत चाहे तो सीआइडी पूरक आरोप पत्र पेश करने के लिए तैयार है. इसके बाद न्यायाधीश ने सीआईडी की निष्पक्षता पर सवाल उठाये.
रिपोर्ट देख कर लगता है कि शेख शाहजहां को बचाने की कोशिश कर रही सीआईडी
न्यायाधीश ने कहा कि सीआईडी ने केवल उन लोगों से पूछताछ की, जिन्होंने शेख शाहजहां का नाम नहीं लिया. ऐसा इसलिए किया गया, ताकि शेख शाहजहां का नाम आसानी से हटाया जा सके. साथ ही न्यायाधीश ने राज्य सरकार से कहा कि यह तीन लोगों की हत्या का मामला है. इस प्रकार की घटना की जांच में निष्पक्षता जरूरी है. न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने 22 मई तक राज्य सरकार को पूरक केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया. न्यायाधीश ने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद फैसला लिया जायेगा कि मामले की जांच सीआईडी करेगी या सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी दी जायेगी.
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