सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासनिक बैठक के दौरान सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार के नौकरशाहों व पुलिस अधिकारियों को फटकार लगायी थी
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासनिक बैठक के दौरान सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार के नौकरशाहों व पुलिस अधिकारियों को फटकार लगायी थी. अब शुक्रवार को राज्य सचिवालय ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. बताया गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को नियंत्रित करने के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी बनायी गयी है. समिति में कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, वित्त सचिव मनोज पंत, एडीजी (कानून व्यवस्था) मनोज वर्मा और आइपीएस अधिकारी प्रभात मिश्रा शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने इस बात की रिपोर्ट मांगी है कि किस इलाके में कितनी सरकारी जमीनें हैं और उनकी स्थिति क्या है. अगर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है, तो राज्य सचिवालय ने उसे तत्काल कब्जा मुक्त करने का आदेश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री को सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी परियोजनाओं के लिए आवंटित जमीन भी जगह-जगह खाली पड़ी है. कुछ महीने पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई जिलाें में आयोजित प्रशासनिक बैठकों में भूमि व भूमि सुधार विभाग के काम को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. राज्य प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, जिलेवार रिपोर्ट हाल ही में मुख्यमंत्री को सौंपी गयी है. राज्य सचिवालय के एक अधिकारी के अनुसार, जिलों में प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों को लागू नहीं किया गया है. विभाग की स्थिति में किसी प्रकार का सुधार नहीं हुआ है, जिससे सीएम नाराज हैं. इसी मुद्दे पर अब राज्य सचिवालय एक्शन मोड में है और अब एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है.
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