कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत दिहाड़ी मजदूरों द्वारा किये गये जिलावार दावों के सत्यापन के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की है. हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया जायेगा, जिसमें भारत के लेखा परीक्षक और नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कार्यालय से वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय से अधिकारी, पश्चिम बंगाल सरकार के प्रधान महालेखाकार, लेखा परीक्षा-I से अधिकारी और पश्चिम बंगाल के मनरेगा आयुक्त शामिल होंगे. पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव को नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश दिया जाता है, जो समिति की बैठकों का समन्वय करेगा और ऐसे अधिकारी का चयन करेगा, जो समिति के चारों नामित व्यक्तियों के कैडर को ध्यान में रखेगा. ये टिप्पणियां उन याचिकाओं पर आयीं, जिनमें मनरेगा योजना के तहत मजदूरी का भुगतान नहीं किये जाने वाले दिहाड़ी मजदूरों के बकाया भुगतान की मांग की गयी. इसमें कहा गया कि लंबित बकाया राशि हजारों करोड़ रुपये में पहुंच गयी है और श्रमिक भी भारी कठिनाई से जूझ रहे हैं. इससे पहले, न्यायालय ने श्रमिकों के दावों पर विचार करने के लिए चार सदस्यीय समिति के गठन का प्रस्ताव रखा और राज्य को इसके लिए संभावित नामित व्यक्तियों का प्रस्ताव करने का निर्देश दिया. वर्तमान सुनवाई में नामित व्यक्तियों पर विचार करने के पश्चात न्यायालय ने पूर्वोक्त अनुसार समिति का गठन किया. इसने समिति के सदस्यों को संबंधित जिलों तक पर्याप्त पहुंच प्रदान करने तथा राज्य को समिति के सदस्यों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में सहायता करने के लिए पुलिस सहायता सहित सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. अब कोर्ट ने चार जुलाई 2024 तक समिति से रिपोर्ट मांगी है.
Advertisement
हाइकोर्ट ने श्रमिकों की मजदूरी दावों के जिलावार वेरिफिकेशन के लिए समिति गठित की
उच्चस्तरीय समिति गठित की है
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement