हुगली. संदेशखाली की घटना में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ जांच का आदेश दिया है, जहां से हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए थे. इस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जब सीबीआइ जांच चल रही है और सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट उस पर भरोसा कर रहे हैं, तो स्टिंग ऑपरेशन क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि यह बंगाल को बदनाम करने का नहीं, बल्कि न्याय देने का मामला है. अगर सीबीआइ अपना काम कर रहा है, तो स्टिंग ऑपरेशन का कारण क्या है? उन्होंने पूछा कि इस ऑपरेशन की सत्यता का प्रमाण कौन देगा? क्या इस स्टिंग ऑपरेशन का उद्देश्य किसी को बचाने के लिए है? इसके साथ ही, श्री सरमा ने कहा कि अगर यह घटना असम में हुई होती, तो 24 घंटे के भीतर सब कुछ ठीक हो गया होता. उन्होंने पश्चिम बंगाल में पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों पर सवाल उठाये और कहा कि छोटे राज्यों जैसे असम और मेघालय में कीमतें कम हैं. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने असम का तीन साल में चेहरा बदल दिया है और अब यह देश का सबसे शांतिप्रिय राज्य है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत पर टिप्पणी करते हुए श्री सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो शर्तें रखी हैं, अगर केजरीवाल में आत्मसम्मान होता, तो वह इस जमानत को अस्वीकार कर देते. उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी के लिए स्टिंग ऑपरेशन क्यों किया जा रहा है. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि बंगाल का भ्रष्टाचार से कोई लेना-देना नहीं है, और यह कविगुरु और बंकीमचंद्र चट्टोपाध्याय का राज्य है, इसे “शेख शाहजहां का राज्य ” नहीं बनने देना चाहिए. श्री सरमा ने यह भी कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में 30 से ज्यादा सीटें जीतेगी. उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद पर कहा कि अगर भाजपा 400 सीटें जीतेगी, तो वहां महादेव का मंदिर और श्रीकृष्ण का मंदिर बनेगा.
इन सभी मुद्दों को लेकर हिमंत बिस्व सरमा के बयान ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है. अब देखना होगा कि इन बयानों पर आगे क्या प्रतिक्रिया आती है.
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