सुरक्षा उपकरणों की कमी से जूझ रहा है हावड़ा स्टेशन
देश के व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में हावड़ा स्टेशन की गिनती होती है. यहां से रोजाना 250 से ज्यादा ट्रेनें खुलती हैं और 10 लाख लोग यात्रा करते हैं.
कई सुरक्षा उपकरण खराब पड़े हैं, तो कई शो-पीस भर हैं संवाददाता, हावड़ा देश के व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में हावड़ा स्टेशन की गिनती होती है. यहां से रोजाना 250 से ज्यादा ट्रेनें खुलती हैं और 10 लाख लोग यात्रा करते हैं. हाई प्रोफाइल ट्रेनों का परिचालन होने के कारण यह स्टेशन हमेशा से ही आतंकियों की हिट-लिस्ट में रहा है. इसके बावजूद इतने महत्वपूर्ण स्टेशन को रक्षा उपकरणों की कमी से जूझना पड़ रहा है. यहां लगे कई सुरक्षा उपकरण खराब पड़े हैं, तो कई शो-पीस भर हैं. स्टेशन के चार-पांच नंबर गेट पर लगी लगेज स्कैनर मशीन करीब ढाई महीने से खराब पड़ी है. हावड़ा आरपीएफ के पास कुल 43 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर हैं, जिनमें से कई खराब हो चुके हैं. एक नंबर निकास द्वार पर लगे सभी डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर मात्र शोपीस भर हैं. स्टेशन पर लगीं हैंड हेल्ड डिटेक्टर (एचएचएमडी) मशीनें जुगाड से चल रही हैं. स्टेशन में कई स्थान सीसीटीवी की जद से बाहर हैं. इसका फायदा टिकट दलाल उठा रहे हैं. पांच नंबर गेट के पास दलालों का जमावड़ा लगा रहता है. ओल्ड कॉम्पलेक्स में कैब रोड के सामने की जगह दलालों का अड्डा बन गया है. 23 फ्लेटफॉर्म एवं 10 से अधिक निकास वाले स्टेशन का एक बड़े हिस्से में सीसीटीवी नहीं है. वहीं, रेलवे सुरक्षा बल के पास मौजूद 75 प्रतिशत वाकी-टाकी ठीक से काम ही नहीं करते. हावड़ा आरपीएफ के पास कुल 148 वायरलेस सेट हैं, जिनमें से अधिकतर खराब हो चुके हैं. पेट्रोलिंग में इस्तेमाल होने वाला सेगवे भी खराब पड़ा है. आरपीएफ चुनाव के दौरान ही नहीं, बल्कि 365 दिन सतर्कता के साथ काम करती है. जहां तक मशीनों के खराब पड़े होने की बात है, तो इस बारे में जानकारी ले रहा हूं. यदि कोई मशीन खराब है, तो जल्द ही उसकी मरम्मत करा दी जायेगी. चोका रघुवीर, वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त, हावड़ा रेलवे मंडल
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