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सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया, तो कार्रवाई

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सख्त निर्देश के बाद पश्चिम बंगाल सरकार के विभिन्न विभाग सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की घटनाओं को लेकर हरकत में आ गये हैं.

मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद तत्पर हुए प्रशासनिक अधिकारी, सभी विभागों व जिलों के डीएम ने पेश की रिपोर्टसंवाददाता, कोलकातामुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सख्त निर्देश के बाद पश्चिम बंगाल सरकार के विभिन्न विभाग सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की घटनाओं को लेकर हरकत में आ गये हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी. मुख्यमंत्री की उक्त बैठक से ठीक पहले राज्य सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे लेकर उच्च स्तरीय बैठक की और सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करने के लिए रूपरेखा तैयार की. सोमवार को राज्य के वित्त सचिव व भूमि एंव भू-राजस्व विभाग के सचिव ने विभिन्न जिलों के डीएम व एडीएम (भूमि) पर विशेष बैठक की. बैठक के दौरान वित्त सचिव ने कहा कि विभाग का सम्मान खो रहा है. इनका ख्याल रखें. राज्य सरकार के निहित भूमि की रक्षा की जानी चाहिए. आरोप है कि सरकारी अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कई वेट लैंड को भरा जा रहा है. ऐसी शिकायतें क्यों आ रही हैं? शिकायत मिलते ही सख्त कार्रवाई करनी होगी. बैठक में मुख्य सचिव मनोज पंत ने जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिलाधिकारी (भूमि) को ऐसे ही सख्त संदेश दिया.

सूचना व संस्कृति विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ हो जांच

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सोमवार को महानगर में एक सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि महानगर में ही वार्ड नंबर 90 के अंतर्गत प्रिंस अनवर शाह रोड में 29 कट्ठा जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. एक तृणमूल सांसद ने उसे अवैध कब्जा से मुक्त कराने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाये. सोमवार को मुख्यमंत्री ने उक्त जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए जांच का आदेश दिया और कहा कि इसके पीछे जो कोई भी हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इससे पहले मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के सभी विभागों व जिलों के डीएम से उनके अधिकार क्षेत्र में मौजूद सरकारी जमीन को लेकर रिपोर्ट मांगी थी. सोमवार को मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव बीपी गोपालिका से पूछा कि रिपोर्ट को लेकर क्या स्थिति है. इस पर मुख्य सचिव ने बताया कि रिपोर्ट आ चुकी है और इसकी समीक्षा बैठक भी सोमवार को ही आयोजित की गयी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सरकारी जमीन को अवैध कब्जा से मुक्त कराने के लिए हर संभव कदम उठाने का आदेश दिया.

सरकारी जमीनों को बेचने के लिए बन गया है लैंड माफिया ग्रुप

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में सरकारी जमीनों को बेचने के लिए लैंड माफिया ग्रुप बन गया है. कहीं भी अगर कोई खाली जमीन दिख रही है. पुलिस व स्थानीय नेताओं की मिलीभगत से उसे बेच दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ओसी से लेकर एसपी, एसडीओ से प्रशासनिक स्तर के अधिकारी इसमें शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इसे रोकना होगा और सरकारी जमीन को अतिक्रमण से बचाना होगा.

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