बांग्लादेश में अशांति से तेहट्ट क्षेत्र के गांवों में भी है दहशत
बांग्लादेश में अशांति को लेकर भारत-बांग्लादेश सीमा पर से सटे नदिया जिले के तेहट्ट के भाटुपाड़ा गांव के लोग भी दहशत में हैं.
सीमा के आसपास के इलाकों में बढ़ी बीएसएफ जवानों की गश्त
प्रतिनिधि, कल्याणी
बांग्लादेश में अशांति को लेकर भारत-बांग्लादेश सीमा पर से सटे नदिया जिले के तेहट्ट के भाटुपाड़ा गांव के लोग भी दहशत में हैं. कंटीले तारों वाले सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. गांव में चारों ओर बांग्लादेश में हुई उथलपुथल की चर्चा है. ग्रामीणों को यह कहते सुना जा सकता है कि बीएसएफ हमारी रक्षा करेगी. भाटुपाड़ा के अलावा तेहट्ट महकमा के सीमावर्ती गांवों के आम लोग भयभीत हैं. हर किसी का एक ही सवाल है कि क्या 71 की यादें वापस आ रही हैं? सीमावर्ती इलाकों के कई परिवारों के रिश्तेदार बांग्लादेश में हैं. वे पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे कहां और किसी स्थिति में हैं.
गांव के एक बुजुर्ग के मुताबिक : भाटुपाड़ा गांव कंटीले तारों से घिरा है. हमें अब तक कोई दिक्कत नहीं हुई है. गांव के अंदर बीएसएफ का कैंप है. इस कैंप के सैनिक हमारे रक्षक हैं. इन बीएसएफ भाइयों की वजह से हम सुरक्षित हैं. मैं रात को चैन से सो सकता हूं. अगर कोई खतरा आता है, तो उम्मीद है कि बीएसएफ हमारी रक्षा करेगी.
गांव के युवा मानवेंद्र दास वैराग्य ने कहा : मुझे मीडिया के माध्यम से बांग्लादेश की भयानक स्थिति के बारे में पता चला. स्थिति इतनी खराब है कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री को भी देश छोड़ कर भागना पड़ा. फिर भी गांव में दहशत है. वहीं, गांव के कॉलेज के छात्र मिष्टु घोष ने कहा कि फिलहाल बांग्लादेश में भयावह स्थिति है. ऐसे में यहां सड़कों पर बीएसएफ जवानों की आवाजाही बढ़ गयी है. सीमा पर बीएसएफ की गश्त पहले से बढ़ा दी गयी है. ये सब देखकर हम लोग दहशत में हैं.
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