आसनसोल.
कुल्टी थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच-19 में झारखंड पश्चिम बंगाल सीमा पर स्थित डूबुडी चेकपॉइंट इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है. बंगाल से बाहर जा रहे आलू के सबसे ज्यादा वाहनों को यहीं रोका गया. अब उद्योगपति से लेकर औद्योगिक संगठनों ने पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की कि झारखंड में स्थित विभिन्न सरकारी कोलियरियों से आ रहे कोयले को अवैध तरीके से सीमा पर रोका जा रहा है, जिससे उद्योग प्रभावित हो रहा है. शिकायत के बाद सीमा पर रोके गये कोयला लदे ट्रकों को छोड़ दिया गया. सारे वैध कागजात रहने के बाद भी सीमा पर अधिकारियों द्वारा कोयला गाड़ियों को बिना वजह रोकने की घटना ने सभी की परेशानी बढ़ा दी है. गौरतलब है कि कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनियों इसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल की दर्जनों कोयला खदानें झारखंड के विभिन्न इलाकों में स्थित हैं. पश्चिम बंगाल के सैकड़ो उद्योगपति ई-ऑक्शन के जरिये इन कोयला खदानों से अपने प्लांट के लिए कोयला खरीदते हैं. ये सारा कोयला वैध होता है और पूर्ण रूप से वैध कागजात के साथ बंगाल में आता है. गत पांच अगस्त को दुर्गापुर की महाराजा नामक एक संस्था का तीन ट्रक कोयला डूबुडी सीमा पर रोक दिया गया. यह कोयला बीसीसीएल धनबाद के फुलारीटांड़ कोलियरी से लोड किया गया था. सारे वैध कागजात होने के बावजूद इसे नहीं छोड़ा गया. बाध्य होकर प्लांट के निदेशक ने जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त सह अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत की. दूसरे दिन मामले को लेकर दुर्गापुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने भी जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों को चिट्ठी दी. जिसके बाद ट्रकों को छोड़ा गया. महाराजा संस्था के निदेशक ने अपने पत्र में लिखा कि 40 वर्षों से वह इलाके में हार्ड कोक उत्पादन की कंपनी चला रहे हैं. बीसीसीएल से कोयला लेकर आ रहे तीन ट्रकों को डूबुडी नाका पर रोक दिया गया. सारे वैध कागजात दिखाये गये. जिस कोलियरी से कोयला लोड हुआ था, हमारे अनुरोध पर बीसीसीएल के संबंधित अधिकारी ने कोलियरी से प्रेषण कागजातों की पुष्टि के रूप में अधिकारी को मेल भी किया. इसके बावजूद भी ट्रकों को नहीं छोड़ा गया. उन्होंने अपनी शिकायत के साथ सारे वैध कागजातों की प्रति भी संलग्न करके अधिकारियों को भेजा, जिसके बाद ट्रकों को छोड़ा गया. सूत्रों के अनुसार झारखंड से आ रहे कोयले पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह अड़चन लगायी जा रही है. झारखंड से कोयला लाने में परेशानी होगी तो यहां के कोयले की मांग बढ़ेगी. इलाके में सिंडिकेट व्यवस्था पुनः अपना पैर मजबूती से जमाने का प्रयास में है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है